हरियाणा के टॉप IAS-IPS अफसरों की संपत्ति पर बड़ा खुलासा: किसके पास कितनी जायदाद?
हरियाणा राज्य प्रशासन में कार्यरत कई आईएएस और आईपीएस अफसरों की संपत्ति का ब्यौरा सामने आया है, जिससे आम जनता को यह जानने का अवसर मिला है कि जनता की सेवा में लगे ये अधिकारी कितने अमीर हैं। हालांकि कुछ नए बैच (2022-2024) के अधिकारियों ने अभी तक अपनी संपत्ति सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन 1989 से लेकर 2020 तक के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने बीते वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार को अपनी अचल संपत्ति की रिपोर्ट सौंप दी है।
संसद में रिपोर्ट पेश, डीओपीटी ने उठाए सवाल
हाल ही में संसद में डीओपीटी (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कई आईएएस अफसरों ने अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दी है। इस पर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। हरियाणा के ज्यादातर वरिष्ठ अधिकारियों ने हालांकि समय रहते जानकारी भेज दी।
जानिए किस IAS अधिकारी के पास है कितनी संपत्ति:
1. विवेक जोशी (1989 बैच): करोड़ों के फ्लैट और सालाना लाखों की आय
- गुरुग्राम: केंद्रीय विहार में 1440 स्क्वायर फीट का फ्लैट, जिसकी वर्तमान कीमत लगभग ₹1.25 करोड़ है। इससे ₹3.5 लाख सालाना किराए की आमदनी।
- गौतम बुद्ध नगर (UP): ₹55 लाख का फ्लैट, जो ₹2.25 लाख की सालाना कमाई देता है।
2. अनुराग रस्तोगी (1990 बैच): UP से पंचकूला तक संपत्ति का जाल
- उत्तर प्रदेश, हसनपुर: पैतृक आम का बाग, 2.311 हेक्टेयर, जिससे ₹3.25 लाख की सालाना आय।
- पंचकूला सेक्टर 4: ₹3.30 करोड़ का रेजिडेंशियल प्लॉट (पत्नी के साथ संयुक्त)।
- गुरुग्राम: ₹1.70 करोड़ का 4BHK फ्लैट, जिससे ₹54,450 प्रति माह की आय।
3. सुधीर राजपाल (1990 बैच): IAS बनने से पहले लिया प्लॉट, अब करोड़ों का
- DLF सिटी, गुरुग्राम: 7.5 करोड़ का प्लॉट, जो उन्होंने IAS बनने से पहले मात्र ₹3 लाख में खरीदा था। अब ₹18 लाख सालाना आय।
- नई दिल्ली (द्वारका): पत्नी के नाम ₹1.5 करोड़ का 2BHK फ्लैट, ₹3 लाख सालाना आमदनी।
- कोलकाता: ₹50 लाख का 3BHK फ्लैट।
- गोल्फ कोर्स रोड, गुरुग्राम: ₹2 करोड़ का फ्लैट, ₹6 लाख सालाना आय।
- हिसार व पंचकूला: ₹15.75 लाख व ₹1.14 करोड़ के प्लॉट्स।
4. डा. सुमिता मिश्रा (1990 बैच): चार राज्यों में फैली अचल संपत्ति
- मोहाली: IAS-PCS सोसाइटी में ₹1.5 करोड़ का प्लॉट (संयुक्त)।
- लखनऊ: मिर्जापुर, बख्शी तालाब, गोमती नगर, तीवारपुर में विभिन्न प्लॉट्स व जमीनें, जिनकी कीमत ₹25 लाख से ₹1.5 करोड़ तक।
- न्यू चंडीगढ़: ₹1.25 करोड़ का प्लॉट।
- नई दिल्ली, हौज खास: ₹3.51 करोड़ का फ्लोर।
5. अशोक खेमका (1991 बैच): ईमानदारी के प्रतीक, फिर भी करोड़ों की संपत्ति
- मोहाली (सनी एंक्लेव): ₹55 लाख का फ्लैट।
- गुरुग्राम, सेक्टर 56: ₹3 करोड़ का फ्लैट, ₹7 लाख की सालाना कमाई।
- मनसा देवी, पंचकूला: ₹2.60 करोड़ का फ्लैट।
हरियाणा के टॉप आईपीएस अधिकारियों की संपत्ति का विश्लेषण
1. शत्रुजीत कपूर (DGP): प्रॉपर्टी से सालाना 1.6 करोड़ की आय
- फगवाड़ा, पंजाब: पारिवारिक संयुक्त जमीन।
- जगाधरी (यमुनानगर): 770 वर्ग गज का प्लॉट।
- गुरुग्राम, सेक्टर 42: ₹4 करोड़ का एक कनाल का प्लॉट, ₹1.6 करोड़ सालाना कमाई।
- मोहाली: दो अलग-अलग सोसाइटीज़ में निवेश।
- पंचकूला और गुरुग्राम: ₹3 करोड़ व ₹2 करोड़ के फ्लैट्स।
2. अलोक कुमार राय (DGP): विरासत में मिली संपत्ति के मालिक
- मोहाली: ₹2 करोड़ का प्लॉट।
- अंबाला: ₹5 करोड़ का गोदाम।
- गुरुग्राम: ₹2.5 करोड़ का प्लॉट।
- गाजीपुर (UP): ₹50 लाख की कमर्शियल प्रॉपर्टी, ₹3 करोड़ की जमीन, ₹2 करोड़ का रेजिडेंशियल प्लॉट।
- शाजीपुर: ₹2 करोड़ की 50 बीघा जमीन।
3. ओमप्रकाश सिंह (DGP): गुरुग्राम की महंगी संपत्तियों के मालिक
- गुरुग्राम: ₹2.60 करोड़ व ₹2.12 करोड़ के प्लॉट्स, जिनसे कुल ₹57 लाख सालाना आमदनी।
- बिहार: पैतृक जमीन।
- पिंजौर (पंचकूला): ₹35 लाख की जमीन।
4. अश्विंदर सिंह चावला (ADGP): देश से बाहर तक फैली संपत्ति
- रोमानिया: ₹20 लाख की कृषि भूमि (पत्नी के नाम)।
- मोहाली, लुधियाना: ₹3.5 करोड़ व ₹1.25 करोड़ के घर।
- गुरुग्राम: परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम दुकानें व ऑफिस स्पेस, कुल मिलाकर ₹10 करोड़+ की संपत्ति।
- फतेहगढ़, रूपनगर: ₹30–35 लाख की जमीनें।
5. संजय कुमार (ADGP): बिहार की पैतृक संपत्ति से भी अच्छी आय
- पंचकूला: ₹1.14 करोड़ का फ्लैट (निर्माणाधीन)।
- सारण (बिहार): 5 एकड़ की जमीन, ₹4–5 करोड़ की अनुमानित कीमत, ₹10 लाख सालाना आय।
निष्कर्ष: ट्रांसपेरेंसी की दिशा में अहम कदम
हरियाणा सरकार के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की संपत्ति का सार्वजनिक खुलासा पारदर्शिता की दिशा में सराहनीय कदम है। इससे न केवल जनता का विश्वास मजबूत होता है, बल्कि यह उन अधिकारियों के लिए भी एक मिसाल है जो अभी तक जानकारी देने से बचते आए हैं।
क्या आपने सोचा है कि जनता की सेवा में लगे इन अफसरों के पास इतनी संपत्ति कैसे है?
अब यह जांच एजेंसियों और प्रशासन का काम है कि संपत्ति का स्रोत पारदर्शी और वैध हो।