एक सप्ताह पहले ही हिला प्रशासन: हिसार एयरपोर्ट की सुरक्षा पर सवालों की बौछार
हरियाणा के हिसार में बन रहे महाराजा अग्रसेन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के उद्घाटन से ठीक एक सप्ताह पहले हालात कुछ ऐसे बन गए हैं कि पूरे प्रशासनिक तंत्र में खलबली मच गई है। देश के प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तावित उद्घाटन समारोह के ठीक पहले एयरपोर्ट परिसर में वन्य जीवों की मौजूदगी ने सुरक्षा मानकों को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
इतना ही नहीं, गुरुग्राम में तैनात वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी सुभाष यादव द्वारा एयरपोर्ट पर उड़ान संचालन को लेकर भेजी गई चेतावनीभरी रिपोर्ट के बाद उनका अचानक तबादला कर दिया गया है। वहीं अब वन्य प्राणी विभाग के हिसार ज़ोन में तैनात तीन और अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
IFS अधिकारी का तबादला और विभाग में मचा भूचाल
गुरुग्राम में पदस्थ मुख्य वन संरक्षक (CCF) सुभाष यादव ने एयरपोर्ट परिसर में वन्य जीवों की मौजूदगी को लेकर एक रिपोर्ट तैयार कर एयरपोर्ट अथॉरिटी को भेजी थी। रिपोर्ट में उन्होंने कहा था कि “एयरपोर्ट परिसर में अभी कई वन्य जीव सक्रिय हैं, ऐसे में यहां से विमान सेवाओं का संचालन खतरनाक हो सकता है। इस पर पुनर्विचार आवश्यक है।”
सरकार ने इस रिपोर्ट को गंभीर मानते हुए तत्काल प्रभाव से उनका तबादला पंचकूला कर दिया। इससे वन्य प्राणी विभाग के अंदरूनी गलियारों में हड़कंप मच गया है।
3 और अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, हिसार के तीन और वन्य प्राणी अधिकारियों ने भ्रमित करने वाली रिपोर्टें भेजीं, जिससे विभाग की छवि को नुकसान पहुंचा। इन पर जल्द ही कार्रवाई होने की संभावना है। सरकार इस पूरे मामले को PM के कार्यक्रम से पहले की “गंभीर चूक” मान रही है।
मुख्यमंत्री का दौरा, सुरक्षा और तैयारियों की समीक्षा
हिसार एयरपोर्ट की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खुद मोर्चा संभाला है। वे मंगलवार सुबह 10:55 बजे एयरपोर्ट का निरीक्षण करने पहुंचेंगे। इस दौरान वे संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
इससे यह स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार एयरपोर्ट की सुरक्षा और प्रतिष्ठा को लेकर कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहती।
अब बोइंग विमान उतारने की भी तैयारी
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) द्वारा महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट को बड़े विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त बनाने की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है। अब यहां बोइंग जैसे बड़े विमान भी उतारे जाने की योजना है।
इसके लिए रनवे की मजबूती, टैक्सीवे, टर्मिनल इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्निकल क्लियरेंस का अंतिम परीक्षण किया जा रहा है।
अब तक पकड़े गए 13 वन्य जीव: नीलगाय, जंगली सुअर और कुत्ता भी शामिल
वन्य प्राणी विभाग द्वारा अब तक पकड़े गए वन्य जीवों की संख्या भी चौंकाने वाली है।
- 3 अप्रैल: 3 नीलगाय, 1 कुत्ता
- 4 अप्रैल: 2 नीलगाय, 1 जंगली सुअर
- 5-6 अप्रैल: कोई अभियान नहीं चलाया गया
- 7 अप्रैल (सोमवार): 6 और वन्य जीव पकड़े गए
इस तरह कुल 13 वन्य जीव अब तक पकड़े जा चुके हैं, लेकिन यह सवाल बरकरार है कि इतनी बड़ी संख्या में जानवर एयरपोर्ट परिसर में कैसे पहुंचे?
शुरुआत में किया गया था मना: बजट और विशेषज्ञों की कमी बनी वजह
वन्य प्राणी विभाग ने शुरुआत में हाथ खड़े करते हुए कहा था कि उनके पास न तो बजट है और न ही प्रशिक्षित विशेषज्ञ, जो इस कार्य को अंजाम दे सकें। यही वजह रही कि एयरपोर्ट प्रशासन को खुद ही संघर्ष करना पड़ा।
बाद में सुभाष यादव ने निरीक्षण कर रिपोर्ट दी कि “जब तक वन्य जीव पूरी तरह से हटाए नहीं जाते, तब तक यहां से उड़ान संचालन पर पुनर्विचार आवश्यक है।” यह रिपोर्ट ही उनके तबादले की वजह बन गई।
“कोई टिप्पणी नहीं” – हिसार डिविजनल वाइल्डलाइफ ऑफिसर का जवाब
जब इस पूरे मुद्दे पर हिसार के डिविजनल वाइल्डलाइफ अफसर वीरेंद्र गोदारा से बात की गई तो उन्होंने साफ-साफ कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। यह चुप्पी भी कई सवाल खड़े करती है — क्या विभाग पर राजनीतिक दबाव है या फिर आंतरिक गड़बड़ियों को छुपाया जा रहा है?
तीन दिन का अल्टीमेटम: सभी वन्य जीव हटाओ
हिसार के उपायुक्त ने विभागीय अधिकारियों को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि एयरपोर्ट परिसर से सभी वन्य जीवों को बाहर निकाला जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह चेतावनी इस बात का संकेत है कि प्रशासन अब बिल्कुल भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।
AAI के महाप्रबंधक पहुंचे एयरपोर्ट, चेयरमैन और मंत्री भी आएंगे
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक सोमवार को हिसार एयरपोर्ट का निरीक्षण करने पहुंचे। हालांकि चेयरमैन विपिन कुमार का भी आना प्रस्तावित था, लेकिन वे नहीं आ सके।
अब उनके 10 या 11 अप्रैल को पहुंचने की संभावना है। इसके साथ ही 11 अप्रैल को नागरिक उड्डयन मंत्री विपुल गोयल भी एयरपोर्ट का निरीक्षण करेंगे। इससे यह साफ है कि अब पूरे मामले की निगरानी बहुत ऊपरी स्तर पर की जा रही है।
सवाल जो अभी भी बाकी हैं…
- एयरपोर्ट परिसर में इतने वन्य जीव आखिर कैसे पहुंचे?
- क्या सुरक्षा मानकों का पालन ठीक से नहीं किया गया?
- क्या IFS अधिकारी की रिपोर्ट वाकई ग़लत थी या दबाव में तबादला किया गया?
- क्या PM के कार्यक्रम से पहले सारी खामियां दूर हो पाएंगी?
इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में सामने आ सकते हैं, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने एयरपोर्ट के उद्घाटन से पहले ही सरकार और प्रशासन को कटघरे में ला खड़ा किया है।
निष्कर्ष: उद्घाटन से पहले की चुनौती, अब हर कदम पर निगरानी
हिसार एयरपोर्ट देश और हरियाणा के लिए गर्व की बात है। लेकिन सुरक्षा मानकों में हुई ये चूकें और वन्य जीवों की उपस्थिति जैसी घटनाएं, इस सपने को धुंधला करने की ताकत रखती हैं।
सरकार, वन्य प्राणी विभाग, और एयरपोर्ट अथॉरिटी को चाहिए कि वे आपसी समन्वय और पारदर्शिता के साथ इस प्रोजेक्ट को न केवल सफल बनाएं, बल्कि इसे एक ‘सुरक्षित उड़ान केंद्र’ के रूप में स्थापित करें।