थानेसर ब्लॉक समिति की कुर्सी पर खतरा: अविश्वास प्रस्ताव फिर टला, सदस्यों का समर्थन अधर में
कुरुक्षेत्र के थानेसर ब्लॉक समिति चेयरपर्सन रजनी शर्मा की कुर्सी पर संकट गहराता जा रहा है। पंचायत भवन में बुधवार को हुई बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाना था, लेकिन एक बार फिर कोरम पूरा न हो पाने के चलते यह बैठक स्थगित करनी पड़ी। यह तीसरी बार है जब प्रशासन ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई, लेकिन सदस्यों की अनुपस्थिति के कारण इसे टालना पड़ा।
प्रशासनिक तैयारियां पूरी, पर अधूरी रही उपस्थिति
बैठक के लिए सुबह 11 बजे का समय निर्धारित किया गया था। इसके लिए अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) सोनू भट्ट प्रशासनिक टीम और सभी तैयारियों के साथ समय से पहले ही पंचायत भवन पहुंचे। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए वोटिंग पेटी सहित अन्य सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई थीं। साथ ही किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था। लेकिन कोरम पूरा न होने के कारण वोटिंग तक की नौबत नहीं आई।
एडीसी ने निर्धारित समय से 40 मिनट तक अन्य सदस्यों का इंतजार किया और बार-बार पांच से दस मिनट का समय बढ़ाया, लेकिन फिर भी बैठक के लिए आवश्यक 12 सदस्य उपस्थित नहीं हो सके।
कोरम न पूरा होने के कारण बैठक स्थगित
24 सदस्यों वाली इस ब्लॉक समिति में चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए न्यूनतम 12 सदस्यों का होना जरूरी था। बुधवार को केवल नौ सदस्य ही उपस्थित हुए।
एडीसी सोनू भट्ट ने अंततः बैठक स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा, “बैठक का कोरम पूरा नहीं हो सका। अगले 15-20 दिनों के भीतर नई बैठक बुलाई जाएगी।”
कौन-कौन सदस्य रहे मौजूद
बैठक में केवल निम्नलिखित नौ सदस्य उपस्थित रहे:
- वार्ड 1: विक्रम सिंह
- वार्ड 3: विक्की
- वार्ड 6: सौरभ कुमार
- वार्ड 7: सुदेश रानी
- वार्ड 9: सीमा ढुल
- वार्ड 13: रणजीत सिंह
- वार्ड 14: रोहित
- वार्ड 20: बलविंद्र
- वार्ड 21: रेनू
हालांकि 15 अन्य सदस्यों की अनुपस्थिति से बैठक की सफलता पर सवाल खड़े हुए।
सर्दी और छुट्टियां बनीं अनुपस्थिति की वजह
बैठक में मौजूद सदस्यों ने सदस्यों की अनुपस्थिति का कारण ठंड का मौसम और बच्चों की छुट्टियों को बताया। वहीं दूसरी ओर, कुछ सदस्यों ने यह संकेत भी दिए कि यह रणनीति हो सकती है ताकि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान न हो सके।
भाजपा बनाम कांग्रेस: अविश्वास प्रस्ताव की पृष्ठभूमि
2022 में पंचायत समिति चुनावों में भाजपा समर्थित रजनी शर्मा चेयरपर्सन बनीं। लेकिन विधानसभा चुनावों से पहले समिति के 25 में से 16 सदस्य कांग्रेस खेमे में शामिल हो गए थे। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब 22 सदस्यों ने भाजपा समर्थित चेयरपर्सन को हटाने की मांग करते हुए जिला प्रशासन को शपथ पत्र सौंपे। इसके बाद से अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुरू हुई।
पिछले तीन महीनों में यह तीसरी बार था जब बैठक बुलाई गई। 25 नवंबर और 17 दिसंबर को भी बैठकें कोरम पूरा न होने के कारण स्थगित कर दी गई थीं।
विकास कार्यों में भेदभाव के आरोप
बैठक में मौजूद सदस्यों ने मीडिया से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि चेयरपर्सन विकास कार्यों और अनुदान वितरण में भेदभाव कर रही हैं। सदस्यों ने दावा किया कि विकास कार्यों में अनदेखी के कारण वे जनता के प्रति जवाबदेह हो रहे हैं, और यही कारण है कि वे चेयरपर्सन को हटाना चाहते हैं।
चेयरपर्सन के पति का पक्ष: “आरोप बेबुनियाद”
चेयरपर्सन रजनी शर्मा के पति आचार्य राम मेहर शास्त्री ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “यह सब राजनीति प्रेरित है। किसी भी सदस्य के साथ भेदभाव नहीं किया गया है।” उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर विकास कार्यों में बाधा डालने का आरोप लगाया।
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क्या है आगे का रास्ता?
प्रशासन ने घोषणा की है कि बैठक के लिए नई तारीख 15 से 20 दिनों के भीतर तय की जाएगी। इसके साथ ही, यह देखना बाकी है कि क्या अगली बैठक में कोरम पूरा होगा या यह मामला फिर अधर में रहेगा।
निष्कर्ष: अविश्वास प्रस्ताव पर असमंजस बरकरार
थानेसर ब्लॉक समिति की इस राजनीतिक खींचतान ने विकास कार्यों और प्रशासनिक कार्यों को बुरी तरह प्रभावित किया है। अगर यह स्थिति जारी रही, तो क्षेत्र की जनता के लिए और अधिक कठिनाइयां खड़ी हो सकती हैं। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि अगली बैठक में क्या होता है।