यमुनानगर में नवजात की दिल दहला देने वाली घटना: 5 सवाल जो हमारी मानवता पर उठते हैं

यमुनानगर में नवजात की दिल दहला देने वाली घटना: 5 सवाल जो हमारी मानवता पर उठते हैं
Spread the love

“मां की ममता शर्मसार: यमुनानगर में नवजात को कट्टे में बांध फेंका, इलाके में मची सनसनी”

हरियाणा के यमुनानगर जिले के कस्बा साढौरा में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। नकटी नदी में एक नवजात शिशु का शव मिला, जिसे कट्टे (बोरे) में बांधकर फेंका गया था। इस हृदय विदारक घटना से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

कट्टे में बंद नवजात का शव देखकर फैली सनसनी

सोमवार की दोपहर प्रेम नगर मोहल्ले के बच्चे सूखी पड़ी नकटी नदी में खेल रहे थे। तभी उनकी नजर एक कट्टे के पास मंडराते हुए कुत्तों पर पड़ी। बच्चों ने पहले तो अनजान डर के कारण कुछ देर दूर से देखा, लेकिन साहस जुटाकर जब कट्टा खोला तो उनका सामना एक बेहद दिल दहला देने वाले दृश्य से हुआ। उसमें एक नवजात शिशु का शव था।

बच्चों ने तुरंत उसे मिट्टी में दबा दिया ताकि कुत्ते उसे नुकसान न पहुंचा सकें। घर लौटकर बच्चों ने पूरी घटना अपने परिजनों को बताई। परिजनों ने मौके पर जाकर शव को निकाला और पुलिस को सूचना दी। घटना ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया।

नवजात का शव देखकर लोगों में गुस्सा और सवाल

नदी में खेल रहे बच्चों द्वारा कट्टे में बंद नवजात शिशु का शव मिलने की खबर पूरे कस्बे में आग की तरह फैल गई। मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। चर्चा इस बात को लेकर है कि यह किसी अविवाहित महिला की संतान हो सकती है, जिसे लोकलाज के डर से फेंक दिया गया होगा।

स्थानीय लोग अनुमान लगा रहे हैं कि नवजात को तब फेंका गया जब वह जिंदा था। पूरे दिन और रात ठंड में खुले में पड़े रहने के कारण उसकी मृत्यु हो गई होगी। घटना ने समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता और सामाजिक दबाव पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिस की कार्यवाही: शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया

घटना की जानकारी मिलने के बाद थाना साढौरा से पुलिस टीम मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी एसएचओ अमित कुमार ने बताया कि नवजात का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जगाधरी के सिविल अस्पताल भेजा गया है। अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह शव यहां कैसे पहुंचा और इसके पीछे कौन जिम्मेदार है।

इंसानियत की बेड़ियां: ऐसी घटनाएं कब रुकेंगी?

इस घटना ने फिर से हमारे समाज की कड़वी सच्चाई उजागर कर दी है। समाज में महिलाओं पर असहमति के रिश्तों और अविवाहित मातृत्व को लेकर जो दबाव है, वह ऐसी अमानवीय घटनाओं को जन्म देता है। इस मामले में भी माना जा रहा है कि लोकलाज के डर से किसी युवती ने नवजात को त्याग दिया होगा।

स्थानीय लोगों में आक्रोश और चिंता

नवजात का शव मिलने के बाद पूरे इलाके में गहरा दुख और आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता फैलाने की जरूरत है। समाज को बदलने की आवश्यकता है ताकि कोई भी महिला लोकलाज के डर से ऐसा घृणित कदम न उठाए।

महिलाओं और नवजातों के अधिकार: समाज को जागरूक करने की जरूरत

समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता फैलाने की जरूरत है। यह घटना यह बताती है कि हम इंसानों की सोच में अभी भी बहुत सुधार की आवश्यकता है। यदि मां और बच्चा दोनों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन देने की जिम्मेदारी समाज और सरकारें मिलकर निभाएं, तो शायद ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।

यह भी पढ़ें : दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे हादसा: 2 की मौत, तेज रफ्तार और कोहरा बने जानलेवा वजह

सवाल जो खड़े होते हैं:

  1. क्या उस मां की कोई मदद नहीं थी, जो यह कदम उठाने पर मजबूर हुई?
  2. क्या हमारी सामाजिक व्यवस्थाएं इतनी कठोर हैं कि लोग अपनी संतानों को मारने जैसा कठोर कदम उठाते हैं?
  3. क्या इस तरह के मामलों में जागरूकता और परामर्श जैसी सुविधाएं नहीं होनी चाहिए?

ऐसे मामलों के लिए जागरूकता और उपाय

इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कानून बनाने और सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव लाने की जरूरत है। ऐसी परिस्थितियों में महिलाओं की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर, समाज से जुड़े परामर्श केंद्र और सुरक्षित घर जैसे साधन उपलब्ध कराना चाहिए।

यह घटना केवल एक बच्चे की मौत नहीं, बल्कि समाज के उस दर्द को दिखाती है जो हमारी संवेदनाओं को खत्म कर रहा है। आवश्यकता है कि समाज इस गंभीर विषय पर विचार करे और उन महिलाओं को सहयोग दे, जो असहाय महसूस करती हैं।

One thought on “यमुनानगर में नवजात की दिल दहला देने वाली घटना: 5 सवाल जो हमारी मानवता पर उठते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *