दिल्ली की गलियों से नारनौल की जड़ों तक – एक प्रेरणादायक कहानी
हरियाणा के नारनौल के मोहल्ला नलापुर में जन्मे फैशन डिज़ाइनर विक्की सैनी आज देश के उभरते डिजाइनर्स में शुमार हो चुके हैं। दिल्ली के मशहूर शाहपुर जाट इलाके में स्थापित उनकी फैक्टरी में लगभग 40 कारीगर कार्यरत हैं। विक्की की यह यात्रा न केवल प्रेरणादायक है बल्कि देश के हजारों युवाओं के लिए एक मिसाल भी है।
राहुल गांधी ने फैक्टरी पहुंचकर जाना व्यापार की असली तस्वीर
5 अप्रैल 2025 को जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी विक्की की फैक्टरी पहुंचे, तो न सिर्फ एक नेता बल्कि एक श्रोता और समझने वाले व्यक्ति के रूप में उन्होंने वहां का दौरा किया। राहुल गांधी इस समय ओबीसी वर्ग के उद्यमियों पर सर्वे कर रहे हैं – खासकर उन लोगों पर जिन्होंने “जीरो से हीरो” बनने का सफर तय किया है।
1. हुनर और संघर्ष की दास्तान सुन भावुक हुए राहुल गांधी
राहुल गांधी ने जब विक्की से पूछा कि उन्होंने यह कार्य कहां से शुरू किया, तो जवाब सुनकर वो चौंक गए। विक्की ने बताया कि टीवी देखकर फैशन डिजाइनिंग में आने की प्रेरणा मिली। किसी भी प्रकार की सहायता या पृष्ठभूमि के बिना, उन्होंने शून्य से शुरुआत की और आज एक सफल फैशन ब्रांड चला रहे हैं।
“मेरा मिशन है कि मैं मिडिल क्लास से हायर क्लास तक पहुंचूं और अपने जैसे लोगों को भी अवसर दूं।” — विक्की सैनी
2. फैशन की दुनिया में ओबीसी वर्ग की भागीदारी पर चर्चा
राहुल गांधी ने विक्की से विशेष रूप से यह सवाल पूछा – “इस क्षेत्र में ओबीसी वर्ग के कितने लोग हैं?”
जवाब में विक्की ने बताया कि बहुत कम लोग हैं क्योंकि इस क्षेत्र में एंट्री की सुविधा नहीं है।
यहां तक कि उनके जैसे टैलेंटेड लोगों को भी उचित प्लेटफॉर्म और अवसर नहीं मिलते।
राहुल ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक गंभीर चिंता का विषय है और इसे राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाना चाहिए।
3. कपड़े की कटिंग से लेकर कारोबार की बारीकियों तक
राहुल गांधी ने केवल बातचीत नहीं की, बल्कि खुद जाकर फैक्टरी में कपड़े की कटिंग भी की, ताकि वह इस प्रक्रिया को जमीनी स्तर से समझ सकें। इसके बाद उन्होंने इस दौरे का वीडियो भी जारी किया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
4. बिचौलियों की लूट और टैलेंट की अनदेखी
राहुल गांधी ने कहा:
“जो काम करता है उसे वैल्यू नहीं मिलती, जबकि बिचौलिया फायदा उठा रहा है। आपका डिज़ाइन 20 हजार में बिकता है, लेकिन वही चीज कोई और 5 लाख में बेचता है। हुनर में फर्क नहीं, सिर्फ नेटवर्क और पहुंच का खेल है।”
इस बात पर फैक्टरी में मौजूद सभी लोगों ने सहमति जताई। यह टिप्पणी सीधे तौर पर उन व्यापारियों और मेहनतकश लोगों के लिए थी जो सिस्टम की खामियों से जूझ रहे हैं।
5. ‘पहुंच’ के बिना देश में काम नहीं होता – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने यह बात बार-बार दोहराई कि देश में बिना पहुंच के काम नहीं होता। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा सिस्टम बनाना है जिसमें आम आदमी का काम भी बिना जान-पहचान के हो जाए।
“एक ऐसा सिस्टम चाहिए जहां हुनर की पहचान हो, न कि सिर्फ नेटवर्क की।” — राहुल गांधी
विक्की के पिता बोले – बेटे ने बढ़ाया पूरे क्षेत्र का मान
विक्की के पिता उदमीराम सैनी, जो नारनौल की पुरानी और नई सब्ज़ी मंडी में दुकानदार हैं, ने गर्व के साथ कहा:
“मेरे बेटे ने जो हासिल किया है, वह केवल हमारे परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। राहुल गांधी जैसे नेता का हमारे यहां आना, हमारे लिए सम्मान की बात है।”
दिल्ली की फैक्टरी में हरियाणा की मिट्टी की खुशबू
दिल्ली के शहरी माहौल में स्थापित विक्की की फैक्टरी में हरियाणा के ग्रामीण मूल्यों और पारंपरिक सोच की झलक भी दिखती है। उनके द्वारा बनाए गए डिज़ाइनों में देसी अंदाज़ और आधुनिकता का मेल है। इसीलिए उनके ग्राहक देश-विदेश तक फैले हुए हैं।
राहुल गांधी का दौरा – राजनीति से हटकर एक सामाजिक संदेश
यह दौरा केवल एक राजनीतिक दौरा नहीं था, बल्कि इससे कई सामाजिक मुद्दे उजागर हुए – जैसे ओबीसी वर्ग की उपेक्षा, हुनर की अनदेखी, बिचौलियों का प्रभुत्व और प्लेटफॉर्म की कमी। राहुल गांधी ने इस दौरे में यह भी संकेत दिया कि वह इन मुद्दों को नीतिगत स्तर पर उठाएंगे।
निष्कर्ष: एक फैशन डिजाइनर की सफलता और सिस्टम की सच्चाई
विक्की सैनी की कहानी उस भारत की कहानी है, जहां सपने छोटे शहरों में जन्म लेते हैं लेकिन उड़ान महानगरों में भरते हैं। राहुल गांधी का यह दौरा हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि देश में कितने विक्की और होंगे, जिन्हें सिर्फ एक मौके की जरूरत है।