कुरुक्षेत्र फैमिली मर्डर केस: पिता का गला काटा, मां का गला दबाया, पत्नी को जहर और फिर खुद खाया सल्फास

कुरुक्षेत्र फैमिली मर्डर केस: पिता का गला काटा, मां का गला दबाया, पत्नी को जहर और फिर खुद खाया सल्फास
Spread the love

घरेलू विवाद या आर्थिक तंगी? मामले में कुरुक्षेत्र पुलिस जांच जारी

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत का मामला नए मोड़ लेता जा रहा है। प्रारंभिक जांच में इसे सामूहिक हत्या का मामला समझा जा रहा था, लेकिन अब पुलिस ने खुलासा किया है कि इस त्रासदी के पीछे परिवार के ही एक सदस्य की हरकत है। इस भयावह घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है।

क्या है पूरा मामला?

पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार, 40 वर्षीय दुष्यंत सिंह ने पहले अपने पिता का गला काटा, फिर मां का गला दबाया। इसके बाद उसने अपनी पत्नी को जहरीला पदार्थ खिला दिया और अंत में खुद सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। यही नहीं, उसने अपने 13 वर्षीय बेटे को भी मारने की कोशिश की, लेकिन वह चमत्कारिक रूप से बच गया।

चार मौतें, एक सुसाइड नोट और कई अनसुलझे सवाल

पुलिस को कुरुक्षेत्र घटनास्थल से एक कथित सुसाइड नोट मिला है, जिसमें दुष्यंत ने अपने इस कदम के पीछे के कारणों को लिखा है। हालांकि, पुलिस अभी इस नोट की प्रमाणिकता की जांच कर रही है।

कुरुक्षेत्र के एसपी वरुण सिंगला के अनुसार, “दुष्यंत सिंह ने अपने पिता नायब सिंह की गला काटकर हत्या की, मां अमृत कौर का गला दबाया और पत्नी अमनदीप कौर को जहर देकर मारा। इसके बाद उसने खुद सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। घटना के पीछे आर्थिक विवाद का पहलू सामने आया है, लेकिन जांच अभी जारी है।”

आर्थिक तंगी या पारिवारिक विवाद?

पुलिस का मानना है कि दुष्यंत सिंह आर्थिक संकट में फंसा हुआ था। परिवार में अक्सर इस मुद्दे पर झगड़े होते थे। शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि दुष्यंत ने हाल ही में कुछ कर्ज लिया था, जिसे वह चुकाने में असमर्थ था।

मां-पिता ग्राउंड फ्लोर पर, पति-पत्नी फर्स्ट फ्लोर पर मृत मिले

घटना रविवार सुबह की है। जब दुष्यंत के एक रिश्तेदार ने घर का दरवाजा खटखटाया, तो अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। दरवाजा तोड़कर अंदर जाने पर रिश्तेदार ने ग्राउंड फ्लोर पर नायब सिंह और अमृत कौर को खून से लथपथ देखा। दोनों बिस्तर पर मृत पड़े थे।

फर्स्ट फ्लोर पर, दुष्यंत अपनी पत्नी और बेटे के साथ गंभीर हालत में मिला। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दुष्यंत और उसकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया। बेटा अभी अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

13 वर्षीय बेटे की कहानी: मौत के मुंह से बचा जीवन

दुष्यंत ने अपने बेटे केशव का भी गला दबाने की कोशिश की थी, लेकिन वह बच गया। पुलिस को उम्मीद है कि होश में आने के बाद केशव घटना की अहम जानकारी दे सकता है।

सामाजिक चर्चा का विषय बना मामला

यह घटना केवल कुरुक्षेत्र में ही नहीं, बल्कि पूरे हरियाणा में चर्चा का विषय बन गई है। लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आखिर एक पिता कैसे अपने पूरे परिवार को खत्म करने की हद तक जा सकता है।

पड़ोसी क्या कहते हैं?

पड़ोसियों के मुताबिक, दुष्यंत का परिवार पिछले कुछ समय से विवादों में था। हालांकि, किसी को भी यह अंदेशा नहीं था कि मामला इतना गंभीर हो जाएगा। एक पड़ोसी ने कहा, “वे सामान्य दिखते थे, लेकिन अंदर ही अंदर परिवार में कुछ ठीक नहीं था।”

पुलिस की जांच जारी: हर पहलू पर नजर

पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए विशेष टीम बनाई है। टीम दुष्यंत के कर्ज, परिवारिक विवाद और उसके मानसिक स्वास्थ्य की जांच कर रही है।

एसपी सिंगला ने कहा, “हम हर एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं। यह मामला घरेलू हिंसा, मानसिक तनाव और आर्थिक समस्याओं का जटिल मिश्रण लगता है।”

क्या कहता है मनोविज्ञान?

मनोविज्ञान विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं अक्सर तब होती हैं जब व्यक्ति मानसिक तनाव में होता है और उसे लगता है कि उसके पास कोई और रास्ता नहीं बचा है।

जांच से जुड़े अहम सवाल

  1. दुष्यंत ने ऐसा कदम क्यों उठाया?
  2. क्या इस घटना के पीछे केवल आर्थिक संकट है या अन्य कोई वजह भी है?
  3. बेटे केशव का बयान क्या नए खुलासे करेगा?

सावधानियां: ऐसी घटनाओं से बचाव कैसे हो?

  1. मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें: परिवार के सदस्यों की भावनात्मक स्थिति पर नजर रखें।
  2. आर्थिक समस्याओं का समाधान खोजें: संकट के समय परिवार और दोस्तों से मदद लें।
  3. पारिवारिक संवाद बढ़ाएं: नियमित बातचीत से तनाव को कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष

कुरुक्षेत्र की यह घटना समाज के लिए एक बड़ा सबक है। यह केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक तनाव और पारिवारिक संवाद की कमी को उजागर करती है। पुलिस की जांच से और खुलासे हो सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *