4 करोड़ की सम्मान राशि से बदलेगा खेल का भविष्य: विनेश फोगाट की अंतरराष्ट्रीय अकादमी का सपना होगा साकार

4 करोड़ की सम्मान राशि से बदलेगा खेल का भविष्य: विनेश फोगाट की अंतरराष्ट्रीय अकादमी का सपना होगा साकार
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ओलंपिक पदकवीर विनेश फोगाट का सपना लेगा उड़ान

हरियाणा की बेटी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करने वाली पहलवान विनेश फोगाट एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वजह कोई मुकाबला नहीं, बल्कि उनके द्वारा खेल जगत को लौटाया जाने वाला योगदान है। उन्होंने अपने ओलंपिक सम्मान के तहत मिलने वाली 4 करोड़ रुपये की राशि को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल अकादमी की स्थापना में लगाने का फैसला किया है।

सरकार का आभार: ‘ये सिर्फ इनाम नहीं, सपना पूरा करने का माध्यम है’

विनेश फोगाट ने हरियाणा सरकार द्वारा दी जा रही पुरस्कार राशि के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा,

“ये सिर्फ एक इनाम नहीं, बल्कि एक ज़रिया है उस सपने को पूरा करने का जो मैं वर्षों से देखती आई हूं। अब वक्त आ गया है कि उस सपने को साकार किया जाए और अगली पीढ़ी को उसके पंख दिए जाएं।”

पुरस्कार विकल्पों में से चुना विकास का मार्ग

मुख्यमंत्री सैनी द्वारा विनेश को तीन विकल्प दिए गए थे:

  1. नकद पुरस्कार (Cash Award)
  2. आवासीय भूखंड (Residential Plot)
  3. सरकारी नौकरी

विधायक होने के कारण विनेश फोगाट सरकारी नौकरी नहीं ले सकती थीं, इसलिए उन्होंने पहले दो विकल्पों—4 करोड़ रुपये और आवासीय भूखंड—को चुना। यह निर्णय सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि सैकड़ों युवा खिलाड़ियों के भविष्य के लिए भी निर्णायक साबित होगा

कैसी होगी विनेश फोगाट की खेल अकादमी?

विनेश की योजना सिर्फ एक आम प्रशिक्षण केंद्र की नहीं, बल्कि एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल अकादमी की है जहां—

  • खिलाड़ियों को आधुनिक संसाधन, जैसे स्पोर्ट्स साइंस, फिजियोथेरेपी, डाइट प्लान, मेंटरशिप मिलेगी।
  • लड़कियों और ग्रामीण प्रतिभाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • फ्री स्कॉलरशिप और रहने-सहने की सुविधा दी जाएगी।
  • अकादमी में फिजिकल और मेंटल ट्रेनिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कोच की नियुक्ति होगी।

विनेश फोगाट ने यह स्पष्ट किया है कि यह अकादमी सिर्फ खेल प्रशिक्षण केंद्र नहीं होगी, बल्कि यह एक प्रेरणा स्थल बनेगी।

“खेल मेरा जुनून है, अब मेरी जिम्मेदारी भी”

विनेश ने अपने इंटरव्यू में कहा—

“मैंने देखा है कैसे गांवों की लड़कियां संसाधनों की कमी के चलते अपने सपनों को मार देती हैं। मैं चाहती हूं कि मेरी अकादमी उनके सपनों को ज़िंदा रखने की जगह बने।”

यह बयान न सिर्फ विनेश की सोच को दर्शाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अब वो केवल एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि नेता, मार्गदर्शक और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने वाली व्यक्तित्व हैं।

फोगाट परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रयास

फोगाट परिवार हमेशा से भारत में महिला कुश्ती का पर्याय रहा है। महावीर फोगाट से लेकर गीता, बबिता और विनेश तक—इस परिवार ने देश को कई मेडल दिलाए हैं।
अब विनेश इस परंपरा को एक नए मुकाम पर ले जाने को तैयार हैं। यह अकादमी फोगाट परिवार के खेल संस्कृति और समर्पण का जीता-जागता उदाहरण होगी।

राजनीतिक जिम्मेदारी के साथ खेल विकास का संतुलन

गौरतलब है कि विनेश फोगाट वर्तमान में एक कांग्रेस विधायक हैं और हरियाणा विधानसभा में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने यह साबित किया है कि राजनीति में रहकर भी खेल और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाया जा सकता है।

हरियाणा की खेल नीति और पुरस्कार प्रणाली

हरियाणा सरकार की नई खेल नीति के अंतर्गत—

  • ओलंपिक पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को करोड़ों की पुरस्कार राशि दी जाती है।
  • इसके साथ ही सरकारी नौकरी, भूखंड, और खेल सुविधाओं तक पहुंच का प्रावधान भी है।
  • इसका उद्देश्य खिलाड़ियों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।

विनेश का फैसला इस नीति की सफलता और प्रभावशीलता का प्रत्यक्ष उदाहरण है।

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अंतरराष्ट्रीय पहचान से लोकल टैलेंट को मिलेगा नया जीवन

भारत में अक्सर खेल प्रतिभाएं संसाधनों के अभाव में पीछे रह जाती हैं। विनेश की यह पहल स्थानीय स्तर के खिलाड़ियों को वैश्विक मंच पर पहुंचाने का मार्ग बनाएगी।
उनकी अकादमी का विज़न साफ़ है—ग्रामीण भारत में छुपी प्रतिभा को तराशकर उन्हें विश्व पटल पर लाना।

युवाओं के लिए संदेश: सपनों को मरने न दें

विनेश ने अपने संदेश में युवाओं से कहा—

“अगर कोई तुम्हें कहे कि तुम नहीं कर सकते, तो उसे गलत साबित करने का जुनून रखो। मैं भी कभी उस स्थिति में थी जहां किसी को मुझ पर विश्वास नहीं था। लेकिन मैंने हार नहीं मानी।”

उनकी यह प्रेरक सोच ही उन्हें एक सच्चे रोल मॉडल बनाती है।

निष्कर्ष: ये शुरुआत है, मंज़िल अभी बाकी है

विनेश फोगाट की यह पहल केवल एक व्यक्तिगत सपना नहीं, बल्कि यह हरियाणा और भारत के खेल भविष्य की दिशा तय करने वाला कदम है।
उनकी सोच, समर्पण और सामाजिक दृष्टिकोण यह साबित करते हैं कि जब खिलाड़ी देश के लिए खेलते हैं, तब वो सिर्फ मेडल नहीं, बल्कि संभावनाओं की नई ज़मीन तैयार करते हैं

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