मोदी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 9 जून को राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुआ, जहां नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इस बार की कैबिनेट में 7 महिला मंत्रियों को शामिल किया गया है, जिनमें निर्मला सीतारमण, अन्नपूर्णा देवी, अनुप्रिया पटेल, शोभा करंदलाजे, रक्षा खड़से, सावित्री ठाकुर और नीमूबेन बमभानिया शामिल हैं। आइए, जानते हैं इन महिला मंत्रियों के राजनीतिक सफर के बारे में विस्तार से।
निर्मला सीतारमण: वित्त मंत्री से रक्षा मंत्री तक का सफर
निर्मला सीतारमण ने 31 मई 2019 को भारत की 28वीं वित्त मंत्री और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने इससे पहले देश की दूसरी महिला रक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य किया है। निर्मला 2006 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं और 2010 में पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता बनीं। 2014 में उन्हें नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया और आंध्र प्रदेश से राज्यसभा सदस्य चुना गया। निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु के मदुरई में हुआ था।
अन्नपूर्णा देवी: झारखंड की मजबूत आवाज
अन्नपूर्णा देवी, जो झारखंड के कोडरमा सीट से सांसद हैं, मोदी कैबिनेट में दूसरी बार शामिल हुई हैं। उन्होंने 2019 में भाजपा के टिकट पर कोडरमा से चुनाव जीता था। इससे पहले, वह राष्ट्रीय जनता दल में थीं और अपने पति की मृत्यु के बाद राजनीति में आईं। भाजपा में आने के बाद उन्हें शिक्षा राज्य मंत्री बनाया गया था। अन्नपूर्णा देवी का पूरा नाम अन्नपूर्णा देवी यादव है और वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्षों में से एक हैं।
अनुप्रिया पटेल: अपना दल (एस) की नेता
अनुप्रिया पटेल उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख युवा महिला चेहरा हैं। वह अपने पिता सोनेलाल की पार्टी अपना दल (एस) का प्रतिनिधित्व करती हैं। अनुप्रिया का जन्म 29 अप्रैल 1981 को कानपुर में हुआ था। वह अपना दल के दो धड़ों में से एक, अपना दल (एस) की प्रमुख हैं, जबकि दूसरा धड़ा उनकी मां कृष्णा पटेल द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है।
शोभा करंदलाजे: कर्नाटक की दमदार नेता
शोभा करंदलाजे तीसरी बार लोकसभा सांसद बनी हैं और एक बार फिर मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुई हैं। मोदी सरकार 2.0 में वह कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री थीं। 57 वर्षीय शोभा ने सोशल वर्क में ग्रेजुएशन और समाजशास्त्र में एमए किया है। शोभा करंदलाजे को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदुरप्पा के करीबी माना जाता है। भाजपा से उनका नाता करीब 25 साल पुराना है।
रक्षा खड़से: सबसे युवा मंत्री
37 वर्षीय रक्षा खड़से मोदी कैबिनेट की सबसे युवा महिला मंत्री हैं। वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एकनाथ खड़से की बहू हैं और महाराष्ट्र की रोवर सीट से चुनाव जीतकर आई हैं। रक्षा खड़से ने कंप्यूटर साइंस में बीएससी किया है और 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बनीं। उनके पति निखिल खड़से ने आत्महत्या कर ली थी।
सावित्री ठाकुर: आदिवासी नेत्री
46 वर्षीय सावित्री ठाकुर मध्य प्रदेश के धार लोकसभा सीट से सांसद हैं। वह आदिवासी समुदाय से आती हैं और भाजपा का आदिवासी चेहरा मानी जाती हैं। सावित्री ने पंचायत चुनाव से लेकर संसद तक का सफर तय किया है। वह 2004 से 2009 तक जिला पंचायत सदस्य रही हैं और 2014 में पहली बार सांसद बनीं।
नीमूबेन बमभानिया: गुजरात की प्रभावशाली नेता
नीमूबेन बमभानिया गुजरात के भावनगर से सांसद हैं और उन्होंने भावनगर के तत्कालीन सांसद भारतीबेन शायल को हराकर अपनी जगह बनाई है। नीमूबेन का जन्म 1966 में हुआ था और उन्होंने विज्ञान में स्नातक और बीएड किया है। वह तेलपड़ा कोली समाज से आती हैं और एक्टिविस्ट भी हैं।
निष्कर्ष
इन सात महिला मंत्रियों का राजनीतिक सफर प्रेरणादायक और विविधतापूर्ण है। यह सभी महिला नेता अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं और देश की राजनीति में एक मजबूत भूमिका निभा रही हैं। इनके नेतृत्व और अनुभव से देश को नए आयाम मिलेंगे। मोदी कैबिनेट में इनका शामिल होना एक सकारात्मक संकेत है जो महिलाओं के सशक्तिकरण को और बढ़ावा देगा।