हरियाणा विधानसभा में हंगामा: भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अनिल विज में तीखी बहस, तानाशाही का आरोप – 5 बड़े विवाद

हरियाणा विधानसभा में हंगामा: भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अनिल विज में तीखी बहस, तानाशाही का आरोप - 5 बड़े विवाद
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विधानसभा में गरमाया सियासी माहौल: अनिल विज और भूपेंद्र हुड्डा में तीखी नोकझोंक, तानाशाही का आरोप!

हरियाणा विधानसभा सत्र में गुरुवार को बजट पर चर्चा के दौरान राजनीतिक माहौल गर्मा गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ऊर्जा मंत्री अनिल विज के बीच तीखी बहस हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप किए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप कर माहौल शांत कराना पड़ा। इस दौरान हुड्डा और विज के बीच हुई तकरार ने पूरे सदन का ध्यान अपनी ओर खींचा।

हुड्डा पर अनिल विज का हमला: ‘वे लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते’

हरियाणा सरकार के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर तानाशाही प्रवृत्ति का आरोप लगाते हुए कहा कि वे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास नहीं रखते। विज ने कहा, “जब हुड्डा मुख्यमंत्री थे, तब भी वे किसी को बोलने नहीं देते थे। आज भी वे कहते हैं कि किसी को बोलने नहीं देंगे। तानाशाही प्रवृत्ति वाले व्यक्ति का लोकतंत्र के मंदिर, विधानसभा में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।”

बजट चर्चा के दौरान छिड़ी बहस

विधानसभा सत्र के दौरान जब बजट पर चर्चा हो रही थी, तब भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर निशाना साधते हुए प्रदेश को कर्ज में डुबोने का आरोप लगाया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “कर्जा लो, घी पीओ और मरने के बाद कोई नहीं पूछेगा।” इस बयान पर अनिल विज ने जवाब देना चाहा, लेकिन हुड्डा ने आपत्ति जताते हुए कहा, “बैठ जाओ, बीच में नहीं बोलना है।”

हुड्डा के इस बयान से विज भड़क गए और उन्होंने तीखा जवाब देते हुए कहा, “हुड्डा साहब, सदन में कोई भी सदस्य अपनी बात रख सकता है। आप बार-बार खर्चों और कर्जों की बात कर रहे हैं, लेकिन बताइए कि किस क्षेत्र में खर्च कम किया जाए? सिर्फ आरोप लगाने से समाधान नहीं निकलता। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पैसा कहां से आएगा और कहां खर्च होगा।”

‘मैं पांच साल तक बोलूंगा और आपकी जान खाऊंगा’ – अनिल विज

हुड्डा ने विज को जवाब देते हुए कहा, “आप आदत से मजबूर हैं। स्पीकर महोदय, अगर इनका (विज) ऐसा ही रवैया रहा, तो हम इन्हें सदन में बोलने नहीं देंगे। यह कोई तरीका नहीं है।” इस पर अनिल विज और ज्यादा नाराज हो गए और हुड्डा को सीधा जवाब देते हुए बोले, “स्पीकर साहब, यह अलोकतांत्रिक बयान था। जब ये मुख्यमंत्री थे, तब भी किसी को बोलने नहीं देते थे। हम एक-एक शब्द बोलने के लिए संघर्ष करते थे। मैं जनता से चुनकर आया हूं, पांच साल तक बोलूंगा और आपकी जान खाऊंगा।”

हुड्डा और विज के बीच तीखी नोकझोंक, अध्यक्ष को करना पड़ा हस्तक्षेप

हुड्डा और विज की इस गरमागरम बहस के दौरान कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स भी बोलने लगे, लेकिन स्पीकर ने सदन की मर्यादा बनाए रखने के लिए उन्हें रोक दिया।

मामले में अन्य मंत्रियों की भी हुई एंट्री

इस बहस के बीच कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल बजट पर चर्चा कर रही थीं, तभी पंचायत मंत्री कृष्णलाल पंवार खड़े होकर शिक्षा के बजट पर आंकड़े रखने लगे। इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने टिप्पणी की, “मेरे मित्र हैं ये (कृष्णलाल), कोई भी बात करे इन्हें और मंत्री बेदी को जरूर खड़ा होना है।”

हुड्डा की इस टिप्पणी पर मंत्री कृष्ण बेदी ने नाराजगी जताते हुए कहा, “आज कब खड़ा हुआ?” इस पर हुड्डा ने जवाब दिया, “आज की बात नहीं कर रहा।”

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राजनीतिक विश्लेषण: क्या कहता है यह टकराव?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि हरियाणा में सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच यह टकराव आने वाले चुनावों की आहट को दर्शाता है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा जहां कांग्रेस के मजबूत नेता हैं, वहीं अनिल विज भाजपा सरकार के आक्रामक चेहरे के रूप में जाने जाते हैं। इस तरह की बहसें यह दिखाती हैं कि हरियाणा की राजनीति में आने वाले दिनों में और गर्माहट देखने को मिलेगी।

निष्कर्ष: सदन में गरमा-गरम बहसें लोकतंत्र का हिस्सा

संसदीय लोकतंत्र में तीखी बहसें और मतभेद आम बात हैं, लेकिन जब ये बहसें व्यक्तिगत हमलों और सदन की मर्यादा तोड़ने तक पहुंच जाती हैं, तो यह चिंता का विषय बन जाता है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अनिल विज के बीच हुई इस बहस ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि हरियाणा की राजनीति में विपक्ष और सरकार के बीच टकराव जारी रहेगा।

अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर आगे क्या राजनीतिक प्रतिक्रिया सामने आती है और आने वाले दिनों में हरियाणा विधानसभा का सत्र और किस दिशा में जाता है।

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