मामन खान की ऐतिहासिक जीत: नूंह हिंसा के आरोपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में दर्ज की सबसे बड़ी जीत

मामन खान की ऐतिहासिक जीत: नूंह हिंसा के आरोपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में दर्ज की सबसे बड़ी जीत
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फिरोजपुर झिरका में मामन खान ने बीजेपी प्रत्याशी को हराया, उचाना कलां में 32 वोटों के मामूली अंतर से बीजेपी की जीत

हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार कई दिलचस्प नतीजे सामने आए, लेकिन सबसे बड़ी जीत का श्रेय फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मामन खान को गया, जो नूंह दंगों के आरोपी थे। मामन खान ने न केवल भाजपा उम्मीदवार नसीम अहमद को 98,441 वोटों के बड़े अंतर से हराया, बल्कि राज्य की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। दूसरी ओर, उचाना कलां सीट पर बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र अत्री ने महज 32 वोटों के मामूली अंतर से कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह को हराकर सबसे करीबी मुकाबले में जीत दर्ज की।

मामन खान की रिकॉर्ड तोड़ जीत: नूंह हिंसा के बाद भी भारी जनसमर्थन

फिरोजपुर झिरका सीट से कांग्रेस के विधायक मामन खान, जिन पर नूंह हिंसा भड़काने का आरोप है, ने इस चुनाव में सबसे बड़े वोटों के अंतर से जीत हासिल की। मामन खान को 1,30,497 वोट मिले, जबकि बीजेपी के नसीम अहमद को मात्र 32,056 वोट मिले। इस ऐतिहासिक जीत ने मामन खान को हरियाणा के इस चुनावी समर में सबसे बड़े विजेता के रूप में उभारा।

हालांकि, मामन खान की जीत के पीछे उनकी सामाजिक और राजनीतिक पकड़ को माना जा रहा है, लेकिन नूंह हिंसा का मामला भी चुनाव के दौरान एक बड़ा मुद्दा बना रहा। इसके बावजूद जनता का भारी समर्थन मामन के साथ रहा, और यह जीत कांग्रेस के लिए बड़ी राहत लेकर आई।

आरोपों के बावजूद जीत की कहानी: मामन खान की राजनीतिक यात्रा

मामन खान की जीत इसलिए भी खास मानी जा रही है, क्योंकि उन पर नूंह में भड़की हिंसा में शामिल होने का आरोप है। उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन उनके समर्थकों ने इस गिरफ्तारी को राजनीतिक साजिश करार दिया। इस दौरान मामन खान की छवि पर कुछ सवाल उठे, लेकिन जनता का समर्थन उनके साथ बना रहा और उन्होंने इन तमाम बाधाओं के बावजूद सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की।

यह जीत केवल मामन खान की नहीं, बल्कि उन तमाम मतदाताओं की भी है, जिन्होंने उनके खिलाफ उठाए गए आरोपों को दरकिनार कर उन्हें भारी मतों से विजयी बनाया। फिरोजपुर झिरका में चुनाव परिणाम इस बात का स्पष्ट संकेत है कि मामन खान को इस क्षेत्र में भारी जनसमर्थन हासिल है।

उचाना कलां का सबसे करीबी मुकाबला: 32 वोटों के अंतर से बीजेपी की जीत

वहीं, हरियाणा चुनाव में अगर सबसे करीबी मुकाबले की बात करें, तो उचाना कलां सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बेहद रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र अत्री ने कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह को मात्र 32 वोटों के अंतर से हराया। देवेंद्र अत्री को 48,968 वोट मिले, जबकि बृजेंद्र सिंह को 48,936 वोट मिले।

इस सीट पर सबसे चर्चित चेहरा पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का था, जो इस बार बेहद बुरी तरह हारे। उन्हें मात्र 7,950 वोट मिले और वह पांचवें स्थान पर रहे। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पवन फौजी का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा, और वह आठवें स्थान पर रहे।

बीजेपी की जीत की हैट्रिक: 48 सीटों पर कब्जा, कांग्रेस को 37 सीटें

हरियाणा विधानसभा चुनावों में इस बार बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 48 सीटों पर जीत दर्ज की और लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा किया। हालांकि, कांग्रेस ने भी कड़ी टक्कर दी और 37 सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन सत्ता से दूर रह गई।

बीजेपी की जीत में देवेंद्र अत्री की उचाना कलां सीट से सबसे करीबी जीत और मामन खान की ऐतिहासिक हार ने चुनाव परिणाम को और रोचक बना दिया। इसके साथ ही बीजेपी ने हरियाणा की राजनीति में अपनी पकड़ को और मजबूत किया।

जेजेपी और एएसपी गठबंधन का सफाया: चंद्रशेखर की पार्टी का नहीं खुला खाता

इस चुनाव में जेजेपी और चंद्रशेखर की पार्टी एएसपी के गठबंधन को करारी शिकस्त मिली। दोनों पार्टियां मिलकर भी एक भी सीट जीतने में नाकाम रहीं। जेजेपी के दुष्यंत चौटाला, जो उचाना कलां से चुनाव लड़ रहे थे, पांचवें स्थान पर रहे और उनकी हार से जेजेपी के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

दुष्यंत चौटाला की हार इस बात का संकेत है कि जनता ने जेजेपी को पूरी तरह से नकार दिया है। वहीं, एएसपी का भी खाता नहीं खुल सका, जो गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका है।

INLD और BSP का प्रदर्शन: INLD ने जीती दो सीटें, BSP का खाता नहीं खुला

इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) का इस बार का प्रदर्शन मिलाजुला रहा। पार्टी दो सीटें जीतने में कामयाब रही, लेकिन ऐलनाबाद सीट से अभय चौटाला की हार ने INLD के लिए चुनौतियों को बढ़ा दिया है।

BSP, जो INLD के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही थी, इस बार अपना खाता भी नहीं खोल सकी। BSP का खराब प्रदर्शन गठबंधन के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर रहा है।

तीन निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत

हरियाणा में तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपनी जीत दर्ज की है। हिसार से सावित्री जिंदल, गनौर से देवेंद्र काद्यान और बहादुरगढ़ से राजेश जून ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की है। इन निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत ने यह साबित कर दिया है कि हरियाणा की जनता ने इस बार बदलाव की बयार को महसूस किया है।

निष्कर्ष: हरियाणा चुनाव के दिलचस्प नतीजे

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे न केवल चुनावी राजनीति को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं, बल्कि यह भी साबित कर रहे हैं कि आरोपों और चुनौतियों के बावजूद जनता अपने पसंदीदा नेताओं को चुनने से नहीं हिचकिचाती। मामन खान की ऐतिहासिक जीत और देवेंद्र अत्री की सबसे करीबी जीत इस चुनाव की खास बातें रहीं, जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा।

इस चुनाव में बीजेपी ने भले ही अपनी जीत की हैट्रिक लगाई हो, लेकिन कांग्रेस ने भी जोरदार टक्कर दी और मामन खान की जीत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि राजनीति में कोई भी आंकड़ा अंतिम नहीं होता।

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