हाथरस कांड की जांच करने वाली विशेष जांच टीम (SIT) ने हाल ही में अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में सत्संग का आयोजन करने वाली कमेटी को जिम्मेदार ठहराया गया है, जबकि सरकारी अधिकारियों की उदासीनता पर भी सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, इस रिपोर्ट में प्रमुख व्यक्ति सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि का जिक्र नहीं किया गया है, जो कई लोगों के लिए आश्चर्यजनक है।
घटना का विवरण
2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में साकार विश्व हरि के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकांश महिलाएं थीं। भगदड़ की इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और इसे लेकर व्यापक नाराजगी और आक्रोश फैल गया था। पुलिस ने मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार किया, जो इस सत्संग आयोजन का प्रमुख आयोजक था और बाबा साकार विश्व हरि का करीबी सहयोगी भी माना जाता है।
SIT की रिपोर्ट
SIT ने इस भगदड़ की जांच के लिए 119 लोगों के बयान दर्ज किए, जिनमें हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट (DM) आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक (SP) निपुण अग्रवाल, सत्संग की अनुमति देने वाले उपजिलाधिकारी (SDM) और क्षेत्राधिकारी (CO) सिकंदराराऊ, तथा सत्संग की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान शामिल हैं। इसके अलावा, घटना में मारे गए लोगों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान दर्ज किए गए।
रिपोर्ट की मुख्य बातें
रिपोर्ट में सत्संग का आयोजन करने वाली कमेटी पर निशाना साधा गया है। आरोप है कि कमेटी ने अनुमति से अधिक लोगों को बुलाया और पर्याप्त इंतजाम नहीं किए। इसके साथ ही, अनुमति देने के बावजूद सरकारी अधिकारियों द्वारा मौके पर मुआयना नहीं करने को भी घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, सत्संग के आयोजन के दौरान सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के मानकों का उल्लंघन किया गया था। कार्यक्रम में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं किया गया था। कार्यक्रम स्थल पर आपातकालीन निकास मार्ग भी अपर्याप्त थे, जिससे भगदड़ मचने पर लोग सुरक्षित बाहर नहीं निकल पाए।
साकार विश्व हरि का जिक्र नहीं
रिपोर्ट में सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि का जिक्र नहीं किया गया है, जो कई लोगों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है। साकार विश्व हरि, जो सत्संग का प्रमुख व्यक्ति था, को इस रिपोर्ट में पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया गया है। इसके बजाय, आयोजन समिति और सरकारी अधिकारियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
वकील की नई थ्योरी
साकार विश्व हरि के वकील एपी सिंह ने इस मामले में एक नई थ्योरी प्रस्तुत की थी। उन्होंने दावा किया था कि सत्संग में 10-12 लोग जहरीला स्प्रे लेकर आए थे और वे स्प्रे छिड़कते हुए भाग गए। सिंह ने इसे एक पूर्व नियोजित साजिश करार दिया और मांग की कि इस घटना के पीछे के लोगों की जांच की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस साजिश को उजागर करने के लिए सीसीटीवी फुटेज को सीज किया जाना चाहिए।
देव प्रकाश मधुकर की भूमिका
देव प्रकाश मधुकर, जो इस कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था, बाबा का खास आदमी माना जाता है। हादसे के बाद बाबा ने देव प्रकाश से फोन पर लंबी बातचीत की थी। पुलिस ने देव प्रकाश मधुकर को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, आयोजन समिति के छह अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है।
देव प्रकाश मधुकर का संबंध साकार विश्व हरि से काफी पुराना है। मधुकर, जो पहले एक जूनियर इंजीनियर था, बाद में बाबा का बड़ा भक्त बन गया और सत्संग आयोजन समिति का प्रमुख सदस्य बन गया। हादसे के बाद से मधुकर और उसके परिवार के सदस्य लापता हो गए थे। पुलिस ने मधुकर को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
SIT रिपोर्ट में अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। हाथरस के डीएम आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल, सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ, और सत्संग की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियां थीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों ने कार्यक्रम के लिए अनुमति तो दे दी, लेकिन मौके पर जाकर स्थिति का जायजा नहीं लिया। इसके अलावा, कार्यक्रम स्थल पर भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों की इस उदासीनता ने घटना को और गंभीर बना दिया।
घटना की विस्तृत जांच
SIT ने इस घटना की जांच के दौरान सत्संग में मारे गए लोगों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान दर्ज किए। रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्संग का आयोजन करने वाली कमेटी ने अनुमति से अधिक लोगों को बुलाया और पर्याप्त इंतजाम नहीं किए। इसके साथ ही, अनुमति देने के बावजूद मौके पर अधिकारियों द्वारा मुआयना नहीं करने को भी घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
निष्कर्ष
SIT रिपोर्ट में आयोजन समिति और सरकारी अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, रिपोर्ट में साकार विश्व हरि का जिक्र नहीं किया गया है, जो कई लोगों के लिए चिंता का विषय है। साकार विश्व हरि के वकील ने इस मामले में नई थ्योरी पेश की है और घटना को पूर्व नियोजित साजिश करार दिया है। देव प्रकाश मधुकर, जो इस कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था, को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है।
इस घटना ने सरकारी अधिकारियों और आयोजन समितियों की भूमिका और जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के निष्कर्षों से स्पष्ट होता है कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के मानकों का पालन नहीं किया गया था। इसके अलावा, अधिकारियों की उदासीनता ने घटना को और गंभीर बना दिया।
आगे की कार्रवाई के लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि इस रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इससे न केवल पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा, बल्कि सरकारी अधिकारियों और आयोजन समितियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।