केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए एक नई और सुधारात्मक पेंशन योजना को मंजूरी मिल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को हरी झंडी दिखा दी है। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी और इसके अंतर्गत केंद्र सरकार के करीब 23 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। UPS, जो नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के विकल्प के रूप में लाई गई है, गारंटीड पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन की सुविधाएं प्रदान करती है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS): नया बदलाव और क्यों है यह जरूरी?
सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। पुरानी पेंशन योजना (OPS) की तुलना में NPS को ज्यादा प्रभावी माना गया, लेकिन इसमें कई चुनौतियाँ भी उभरकर सामने आईं। इसके मद्देनजर UPS को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह सरकारी कर्मचारियों को स्थिरता और सुरक्षा प्रदान कर सके।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, UPS का उद्देश्य न केवल कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन प्रदान करना है, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक सुरक्षा जाल बिछाना है। यह योजना सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लागू होगी और इसके अंतर्गत उन्हें NPS और UPS में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए UPS के 5 प्रमुख लाभ
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों को कुछ महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे, जिनमें सुनिश्चित पेंशन, फैमिली पेंशन, न्यूनतम पेंशन, महंगाई इंडेक्सेशन, और एकमुश्त भुगतान की सुविधा शामिल है। आइए इन लाभों को विस्तार से समझते हैं:
- सुनिश्चित पेंशन: UPS के अंतर्गत 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को उनकी अंतिम 12 महीने की बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से अधिक लेकिन 25 साल से कम समय तक सेवा की है, तो उसकी पेंशन भी उसी अनुपात में निर्धारित होगी।
- सुनिश्चित फैमिली पेंशन: UPS के तहत अगर किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार (पत्नी) को 60% पेंशन के रूप में मिलेगा।
- सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन: यदि कोई कर्मचारी 10 साल की सेवा के बाद रिटायर होता है, तो उसे न्यूनतम 10,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी। यह पेंशन सुनिश्चित न्यूनतम राशि होगी।
- महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ: UPS के तहत कर्मचारियों को महंगाई इंडेक्सेशन का भी लाभ मिलेगा। इससे महंगाई के कारण पेंशन की क्रय शक्ति बनी रहेगी। डियरनेस रिलीफ (DR) का भुगतान ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-W) के आधार पर किया जाएगा।
- एकमुश्त भुगतान: UPS में रिटायरमेंट के समय एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाएगा। इसका कैलकुलेशन हर 6 महीने की सेवा के आधार पर किया जाएगा, जिसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10वां हिस्सा शामिल होगा। इस राशि का कोई असर कर्मचारी की एश्योर्ड पेंशन पर नहीं पड़ेगा।
कार का योगदान: UPS को कैसे संभाला जाएगा?
UPS के तहत केंद्र सरकार का योगदान मौजूदा 14% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है, जबकि कर्मचारियों का योगदान 10% ही रहेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कर्मचारियों को पर्याप्त पेंशन मिल सके। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह योजना कर्मचारियों पर वित्तीय बोझ नहीं डालेगी, बल्कि उन्हें एक स्थिर भविष्य की ओर ले जाएगी।
केंद्र सरकार ने UPS के लिए सख्त वित्तीय प्रबंध किए हैं और कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए इसे लागू किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था, जिसने UPS के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर इसे अंतिम रूप दिया।
OPS बनाम UPS: क्या हैं दोनों योजनाओं में अंतर?
पुरानी पेंशन योजना (OPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के बीच कई प्रमुख अंतर हैं, जिन्हें समझना महत्वपूर्ण है:
- ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS):
- OPS में रिटायर्ड कर्मचारियों को अनिवार्य पेंशन का प्रावधान था।
- इसमें रिटायरमेंट के समय अंतिम वेतन का 50% हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता था।
- पेंशन के साथ महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) भी मिलता था।
- रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी की राशि 20 लाख रुपये तक होती थी।
- पेंशन का सारा भुगतान सरकार करती थी।
- यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS):
- UPS में भी रिटायर्ड कर्मचारियों को अनिवार्य पेंशन का प्रावधान है।
- UPS के तहत कर्मचारियों को नौकरी के अंतिम 12 महीने की बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
- UPS में महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ भी मिलेगा।
- रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त राशि का भुगतान भी किया जाएगा।
- UPS के तहत पेंशन का सारा पैसा सरकार देगी, जिसमें केंद्र सरकार का योगदान 18% होगा।
कैसे UPS कर्मचारियों के लिए है लाभकारी?
UPS के तहत कर्मचारियों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इसे लागू करने के बाद कर्मचारियों को न केवल अधिक पेंशन मिलेगी, बल्कि उन्हें महंगाई से भी सुरक्षित रखा जाएगा।
कर्मचारियों के लिए इस योजना को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए महंगाई इंडेक्सेशन का प्रावधान किया गया है, जिससे उन्हें पेंशन में सालाना वृद्धि का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, UPS में पेंशन के अलावा ग्रेच्युटी और एकमुश्त राशि भी मिलेगी, जिससे उनके रिटायरमेंट के बाद के जीवन को और भी सुरक्षित और आरामदायक बनाया जा सके।
तीन प्रमुख योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी
UPS के साथ-साथ, केंद्र सरकार ने तीन अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को भी जारी रखने का निर्णय लिया है। इन योजनाओं को अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के तहत ‘विज्ञान धारा’ नामक एक नई केंद्रीय योजना में मर्ज कर दिया गया है। इस योजना का प्रस्तावित बजट 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 10,579.84 करोड़ रुपये है।
इसके अलावा, सरकार ने बायो टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ‘BioE3 पॉलिसी’ को भी मंजूरी दी है। इस नीति का उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रों में रिसर्च, डेवलपमेंट, और एंटरप्रेन्योरशिप का समर्थन करना और बायो मैन्युफैक्चिंग को बढ़ावा देना है।
निष्कर्ष: UPS के माध्यम से कर्मचारी कल्याण की नई पहल
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से लागू किया है। यह योजना न केवल पेंशन में स्थिरता प्रदान करती है, बल्कि कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए वित्तीय सुरक्षा का भी भरोसा देती है।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण और सुधारात्मक कदम है, जो उन्हें भविष्य में वित्तीय तनाव से मुक्त रखेगा। UPS के तहत केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए इसे लागू किया है, जिससे उनके रिटायरमेंट के बाद के जीवन को भी सुरक्षित बनाया जा सके।
इस योजना के लागू होने के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य राज्य सरकारें भी UPS को अपनाने के लिए कैसे प्रतिक्रिया देती हैं। UPS के माध्यम से सरकार ने कर्मचारियों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है, जो उनके और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण और स्थिर भविष्य की ओर कदम बढ़ाने का संकेत है।