2024 के लोकसभा चुनाव भारतीय राजनीति के इतिहास में अद्वितीय प्रचार अभियान और नेताओं की शानदार रणनीतियों के लिए याद किए जाएंगे। इन चुनावों में कई नेताओं ने अपने प्रदर्शन से सबको चौंका दिया, जिनके बारे में चुनाव विशेषज्ञों ने पहले उतनी उम्मीद नहीं जताई थी। आइए, नजर डालते हैं उन 7 नेताओं पर जो अपने अद्भुत प्रदर्शन से आगामी लोकसभा चुनाव का सीन बदलने जा रहे हैं।
अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे हार को जीत में बदलना जानते हैं। 2009 में फिरोजाबाद उपचुनाव में डिंपल यादव की हार के बाद, अखिलेश ने साइकिल उठाई और 2012 में समाजवादी पार्टी को सत्ता दिलाई। 2019 में मायावती की बीएसपी के साथ गठबंधन के बावजूद कन्नौज सीट हारने का दर्द वे 2024 में फैजाबाद की सीट जीतकर मिटा रहे हैं। अखिलेश का ‘करो या मरो’ का नारा इस बार काम आया और उनका पीडीए मॉडल बीजेपी के खिलाफ अचूक हथियार साबित हुआ।
चंद्रबाबू नायडू
चंद्रबाबू नायडू का एनडीए से गठबंधन 2019 में टूट गया था, लेकिन 2024 में उन्होंने फिर से बीजेपी के साथ हाथ मिलाया। आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ उभरे असंतोष का नायडू ने पूरा फायदा उठाया। नायडू ने ना केवल राज्य में सत्ता पाई, बल्कि आंध्र प्रदेश की 16 लोकसभा सीटों पर भी बढ़त बनाई। वे अब किंगमेकर की भूमिका में हैं, जिसमें दोनों गठबंधन उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे के लिए यह चुनाव उनके राजनीतिक अस्तित्व को बचाने का आखिरी मौका था। बीजेपी से दुश्मनी लेकर मुख्यमंत्री बने उद्धव को एकनाथ शिंदे की बगावत के कारण पार्टी से भी हाथ धोना पड़ा। लेकिन इस बार उद्धव ने फिर से मजबूती से उभर कर दिखाया और महाराष्ट्र में अपनी पकड़ बनाई।
ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने तीन साल के भीतर दूसरी बार बीजेपी को मात दी। शुभेंदु अधिकारी को खोने और नंदीग्राम से हारने के बावजूद ममता ने टीएमसी को पश्चिम बंगाल में सत्ता दिलाई। 2024 में उन्होंने 29 लोकसभा सीटों पर बढ़त बनाई और बीजेपी को सिर्फ 12 सीटों पर सिमटने पर मजबूर किया।
नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने अपनी ‘पलटू’ स्किल का भरपूर इस्तेमाल कर 2024 में बड़ा खेल खेला। 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के चिराग पासवान की मदद से नीतीश को कम सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार उन्होंने इंडिया गठबंधन बनाकर और फिर से एनडीए में शामिल होकर बीजेपी को पछाड़ा। नीतीश ने 12 सीटों पर बढ़त बनाकर किंगमेकर की भूमिका में खुद को मजबूत किया।
चंद्रशेखर आजाद
भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद, जिन्होंने सहारनपुर हिंसा के बाद जेल और गैंगस्टर एक्ट का सामना किया, अब सीधे संसद में पहुंच गए हैं। मायावती के साथ रिश्ता न बन पाने और संघर्ष के बावजूद चंद्रशेखर ने दलित समर्थकों के बीच अपनी पकड़ मजबूत की और इस चुनाव में बड़े खिलाड़ी बनकर उभरे।
प्रियंका गांधी वाड्रा
प्रियंका गांधी वाड्रा ने 2024 के चुनाव में अपना करिश्मा दिखाया। राहुल गांधी के साथ मिलकर प्रियंका ने कांग्रेस को फिर से मजबूती दी। 2019 में महासचिव बनने के बाद 2022 के यूपी चुनाव में हार के बावजूद, प्रियंका ने रायबरेली और अमेठी की सीटें कांग्रेस के लिए सुरक्षित कीं। उनकी मेहनत और रणनीति ने उन्हें इस चुनाव का स्टार परफॉर्मर बना दिया।