कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज बेंगलुरु की एक विशेष अदालत में पेश होंगे। यह मामला पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान का है, जब राहुल गांधी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया था। भाजपा की कर्नाटक इकाई ने कांग्रेस पर मुख्यधारा के समाचार पत्रों में कथित रूप से झूठे विज्ञापन जारी करने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी इस सिलसिले में आज कोर्ट में पेश होने के लिए दिल्ली से बेंगलुरु के लिए रवाना हो चुके हैं।
मानहानि का मामला: कैसे उठा विवाद
इस मानहानि मामले की जड़ें पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान के एक विवादित बयान और विज्ञापन में हैं। राहुल गांधी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने अपने विज्ञापन में भाजपा सरकार पर 40 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए एक ‘भ्रष्टाचार रेट कार्ड’ भी प्रकाशित किया था। इस विज्ञापन को मुख्यधारा के समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया, जिससे भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर मानहानि का मामला दर्ज किया।
कोर्ट में पेशी के दौरान राहुल गांधी की रणनीति
राहुल गांधी की कोर्ट में पेशी के दौरान उनकी व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की जाएगी। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि इसमें कोई दम नहीं है। आज सुबह साढ़े 10 बजे राहुल गांधी बेंगलुरू की अदालत में पेश होंगे। राहुल गांधी के साथ कांग्रेस नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार भी इस मामले में आरोपी हैं, हालांकि कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है।
कांग्रेस की अपील और आगामी बैठक
राहुल गांधी की पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे न्यायलय के आसपास इकट्ठा न हों। इसके बाद राहुल गांधी साढ़े 11 बजे क्वींस रोड स्थित भारत जोड़ो भवन में राज्य के कांग्रेस नवनिर्वाचित सांसदों के साथ चर्चा करेंगे। इस बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार भी मौजूद रहेंगे।
क्या है भाजपा के आरोप
कर्नाटक भाजपा ने कांग्रेस पर मुख्यधारा के समाचार पत्रों में कथित रूप से झूठे विज्ञापन जारी करने का आरोप लगाया था। इन विज्ञापनों में 2019-2023 के दौरान राज्य की भाजपा सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा था कि कांग्रेस ने सभी लोक निर्माण कार्यों में 40 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए एक ‘भ्रष्टाचार रेट कार्ड’ भी प्रकाशित किया था। शिकायतकर्ता ने कांग्रेस पार्टी पर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के खिलाफ बदनाम करने वाला अभियान चलाने का आरोप लगाया था।
राहुल गांधी पर आरोप और भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने अकाउंट पर यह ‘‘अपमानजनक विज्ञापन’’ पोस्ट किया था। भाजपा का कहना था कि इस विज्ञापन के जरिए राहुल गांधी ने जानबूझकर उनकी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश की थी। इस मामले को लेकर भाजपा ने कानूनी कदम उठाते हुए कांग्रेस पर मानहानि का मामला दर्ज किया।
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि यह मामला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और इसमें कोई दम नहीं है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने भी कहा कि भाजपा इस मामले को बेवजह तूल दे रही है और इसे राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है।
राहुल गांधी की पेशी पर जनता की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी की इस पेशी को लेकर जनता में काफी उत्सुकता है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने नेता के समर्थन में कई जगहों पर प्रदर्शन किए हैं। हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे न्यायालय के आसपास इकट्ठा न हों और शांतिपूर्ण तरीके से इस मामले को देखें।
भविष्य की रणनीति
इस मामले में कोर्ट की अगली सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की जाएगी। इसके अलावा, कांग्रेस इस मामले को लेकर भाजपा पर राजनीतिक हमला जारी रखेगी। पार्टी का कहना है कि भाजपा इस मामले को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है और कांग्रेस अपने नेता के साथ मजबूती से खड़ी है।
निष्कर्ष
राहुल गांधी की इस मानहानि मामले में पेशी एक महत्वपूर्ण घटना है जो आने वाले दिनों में कर्नाटक की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। भाजपा और कांग्रेस के बीच यह विवाद आगामी चुनावों और राजनीतिक समीकरणों पर गहरा असर डाल सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी होंगी और यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट का फैसला क्या होता है।