दशहरा मैदान बना अवैध कारोबार का केंद्र, मुख्यमंत्री उड़नदस्ता ने की कार्रवाई
करनाल के सेक्टर-4 स्थित दशहरा मैदान में लंबे समय से अवैध रूप से भवन निर्माण सामग्री की बिक्री की जा रही थी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री उड़नदस्ता ने खनन विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) के अधिकारियों के साथ मिलकर ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस दौरान सात ट्रैक्टर-ट्रॉली और चार लोडर को जब्त कर लिया गया, जिनका उपयोग अवैध सामग्री की ढुलाई में हो रहा था।
तीन घंटे चली कार्रवाई, हजारों मीट्रिक टन सामग्री कब्जे में
करीब तीन घंटे तक चली इस कार्रवाई में टीम ने मौके पर मौजूद सभी ढेरियों और काउंटरों की गहन जांच की।
- 995 मीट्रिक टन बजरी,
- 400 मीट्रिक टन डस्ट,
- और 290 मीट्रिक टन रेत को जब्त कर लिया गया।
यह सारा सामान करनाल दशहरा मैदान में अवैध रूप से रखा गया था।
जांच टीम ने खंगाले दस्तावेज
कार्रवाई के दौरान प्रत्येक ढेरी और काउंटर का बारीकी से निरीक्षण किया गया। टीम ने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं, जिनकी जांच की जाएगी।
21 ठेकेदारों की सूची तैयार, जल्द थमाए जाएंगे नोटिस
मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम ने मौके पर मौजूद लेबर और काउंटर कर्मचारियों से पूछताछ कर 21 ठेकेदारों के नाम, मोबाइल नंबर और पते जुटाए हैं। इन सभी को अवैध रूप से भवन निर्माण सामग्री बेचने के लिए नोटिस भेजा जाएगा। साथ ही, इन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
कार्रवाई के दौरान इन अधिकारियों ने संभाली कमान
इस कार्रवाई का नेतृत्व मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के एसआई जोगिंद्र सिंह और राज सिंह ने किया। उनके साथ
- एएसआई राजेश कुमार,
- विरेंद्र,
- HSVP के एसडीओ सुभाष,
- और खनन विभाग के विपिन शर्मा सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
गुप्त सूचना के आधार पर हुई कार्रवाई
एसआई जोगिंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि करनाल सेक्टर-4 के दशहरा मैदान में बिना किसी अनुमति के अवैध रूप से भवन निर्माण सामग्री बेची जा रही है। सूचना मिलते ही उन्होंने एचएसवीपी और खनन विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर संयुक्त कार्रवाई की।
मौके पर कोई अनुमति नहीं, पूरी सामग्री जब्त
एचएसवीपी के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि दशहरा मैदान में भवन निर्माण सामग्री की बिक्री के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। यहां अवैध रूप से रेत, बजरी और डस्ट बेची जा रही थी।
तीन घंटे चली जांच
दोपहर करीब 3 बजे मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की। इसके बाद खनन विभाग और एचएसवीपी के अधिकारी भी वहां पहुंचे। शाम 6 बजे तक पूरी कार्रवाई चली।
स्थानीय लोगों की मिलीभगत की आशंका
सूत्रों के मुताबिक, यह अवैध कारोबार स्थानीय ठेकेदारों और कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से चल रहा था। अब जब 21 ठेकेदारों की सूची बन गई है, तो इनसे पूछताछ के बाद अन्य नामों का भी खुलासा हो सकता है।
भविष्य में भी जारी रहेगी कार्रवाई
खनन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह अवैध गतिविधि सिर्फ करनाल में ही नहीं, बल्कि आसपास के इलाकों में भी हो रही है। अब ऐसी अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
अवैध खनन से हो रहा था सरकारी राजस्व का नुकसान
अवैध तरीके से रेत, बजरी और डस्ट की बिक्री से सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा था।
- रेत और बजरी की कीमत बाजार में तेजी से बढ़ रही थी,
- और यह सामग्री सस्ते दामों में बिना टैक्स के बेची जा रही थी।
अब प्रशासन ने इस पर सख्त कदम उठाने का फैसला किया है ताकि सरकारी राजस्व को बचाया जा सके।
स्थानीय निवासियों ने कार्रवाई का किया स्वागत
स्थानीय निवासियों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि दशहरा मैदान में अवैध निर्माण सामग्री के कारण वहां का वातावरण प्रदूषित हो रहा था और क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती थी।
“हम प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहे ताकि हमारा क्षेत्र साफ-सुथरा और व्यवस्थित रहे,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।
अवैध खनन के खिलाफ सरकार का सख्त रुख
हरियाणा सरकार ने खनन माफियाओं पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उड़नदस्तों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अवैध खनन और भवन निर्माण सामग्री की अवैध बिक्री पर कड़ी नजर रखें।
अब देखना यह होगा कि इस कार्रवाई के बाद करनाल और अन्य क्षेत्रों में अवैध खनन पर किस हद तक लगाम लगाई जा सकती है।
निष्कर्ष
करनाल में दशहरा मैदान में हुई यह कार्रवाई अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ एक बड़ा कदम है। अब प्रशासन की नजर अन्य क्षेत्रों पर भी है, जहां अवैध गतिविधियां चल रही हैं। इससे न केवल सरकारी राजस्व को फायदा होगा, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी बेहतर वातावरण मिलेगा।