करनाल | संवाददाता: संजय शर्मा (9pm News Channel से)
हरियाणा के करनाल शहर की सबसे व्यस्त और प्रमुख मार्केट ‘चार चमन’ इस समय दहशत के माहौल से गुजर रही है। बीते दिनों जो कुछ यहां हुआ, उसने न केवल स्थानीय व्यापारियों की नींद उड़ा दी है, बल्कि शहर की कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस पूरे मामले को अब “करनाल रंगदारी कांड” के नाम से जाना जा रहा है।
🧨 वारदात की शुरुआत: मोबाइल शोरूम पर फायरिंग और धमकी
बीते सप्ताह करनाल की चार चमन मार्केट में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एक प्रसिद्ध मोबाइल शोरूम के बाहर बाइक पर आए दो युवकों ने अचानक फायरिंग कर दी। गनीमत रही कि कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन यह साफ संदेश था – “हम यहां हैं और हमारी बात मानो।”
इसके बाद शोरूम के मालिक को एक पर्ची सौंपी गई जिसमें लिखा था – “1 CR, वरना अगली बार सीधा निशाना होगा।”
यह धमकी मात्र पैसों के लिए नहीं थी, बल्कि व्यापारियों को भयभीत करने की सुनियोजित रणनीति लग रही थी। पर्ची में ‘एक सीआर’ का जिक्र सीधे तौर पर एक करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग को स्पष्ट करता है।
🗣️ व्यापारियों में खौफ: “ऐवें ता साड्ढा धंधा बंद हो जू”
वारदात के कुछ ही दिनों बाद मंगलवार को शहर के प्रमुख व्यापारी मार्केट प्रधान हरमीत सिंह हैप्पी की अगुवाई में पुलिस अधीक्षक (एसपी) गंगाराम पूनिया से मिलने पहुंचे। उनके साथ विधायक जगमोहन आनंद भी मौजूद थे। यह मुलाकात मात्र औपचारिक नहीं थी, बल्कि एक भय और असुरक्षा की भावना से उपजे व्यापारिक समुदाय की सामूहिक आवाज थी।
“जनाब, कुछ करो। ऐवें ता साड्ढा कम धंधा बंद हो जू…”—यह बयान उस असहायता को दर्शाता है जो व्यापारी महसूस कर रहे हैं। उनका कहना था कि अगर ऐसे हालात रहे तो ग्राहकों की संख्या घटेगी और व्यवसाय पर गंभीर असर पड़ेगा।
👮 पुलिस की प्रतिक्रिया: “आधी रात को भी कॉल कर सकते हो”
करीब 20 मिनट तक चली बैठक में एसपी गंगाराम पूनिया ने न केवल व्यापारियों की बात को ध्यान से सुना, बल्कि ठोस कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि:
- चार चमन बाजार में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
- संदिग्ध लोगों की जांच के लिए नाकेबंदी की गई है।
- क्राइम ब्रांच की दो टीमें मामले की जांच कर रही हैं।
- बाजार में सीसीटीवी की मदद से संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
उन्होंने स्पष्ट कहा, “अगर रात के 12 बजे भी कोई समस्या हो, तो मुझे या डीएसपी को कॉल करें। हम आपकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
🧾 रंगदारी की पर्ची: ‘एक सीआर’ ने डर की लहर फैलाई
हरमीत सिंह हैप्पी, जो कि चार चमन मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं, ने कहा कि रंगदारी मांगने के लिए अपराधियों ने बाकायदा एक पर्ची फेंकी, जिसमें लिखा था – “1 CR, टाइम से दे देना।” इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि अपराधी बेहद बेखौफ हैं और उन्होंने पुलिस को खुली चुनौती दी है।
📢 विधायक की भूमिका: “सरकार सख्त है, डरने की जरूरत नहीं”
विधायक जगमोहन आनंद ने भी व्यापारियों को आश्वासन दिया कि सरकार और पुलिस पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है। उन्होंने कहा:
“काफी सुराग मिले हैं, पुलिस जल्दी ही आरोपियों तक पहुंचेगी। व्यापारियों को किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। हम हर परिस्थिति में आपके साथ हैं।”
📸 बाजार में सन्नाटा: ग्राहक भी सहमे
इस पूरी घटना के बाद चार चमन मार्केट, जो कि सामान्यतः करनाल की सबसे चहल-पहल वाली जगहों में से एक है, एकाएक वीरान हो गई। कई दुकानदारों ने कुछ दिन दुकानें बंद रखने का मन बना लिया। ग्राहक भी भयभीत हैं और मोबाइल शोरूम के आसपास जाने से कतरा रहे हैं।
💬 कारोबारी बोले: “पहले भी हो चुकी हैं वारदातें”
कुछ वरिष्ठ व्यापारियों ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। कुछ समय पहले भी इसी मार्केट में चोरी और लूट की घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन इस बार का मामला कहीं ज्यादा संगीन है क्योंकि यह संगठित अपराध की ओर इशारा करता है।
🧠 मनोवैज्ञानिक असर: व्यापारी और उनके परिवार असुरक्षित महसूस कर रहे
इस घटना ने सिर्फ व्यापारिक माहौल को ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी व्यापारियों की मानसिक शांति को प्रभावित किया है। कई व्यापारियों के परिवार वाले अब अपने पतियों और बेटों को देर रात तक दुकान पर बैठने से रोक रहे हैं। बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर महसूस हो रहा है।
🚨 मांगें और प्रस्ताव:
व्यापारियों ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें कीं:
- बाजार में नियमित गश्त हो।
- प्रत्येक दुकान के बाहर पुलिस चौकी हो।
- सीसीटीवी निगरानी में वृद्धि की जाए।
- व्यापारियों के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी हो।
- अपराधियों को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सजा दी जाए।
🧩 क्या यह संगठित गिरोह की करतूत है?
पुलिस फिलहाल इस मामले को प्राथमिक स्तर पर संगठित अपराध मान रही है। सूत्रों के अनुसार, इस तरह की घटनाओं में हरियाणा के अलावा पड़ोसी राज्यों के बदमाशों की भी संलिप्तता हो सकती है। पुलिस अन्य जिलों में हुई ऐसी ही वारदातों से इस मामले की तुलना कर रही है।
🔍 अब तक की जांच: क्या पता चला?
- सीसीटीवी फुटेज में दो संदिग्ध युवक दिखे हैं।
- पर्ची में जिस भाषा का प्रयोग हुआ है, वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में प्रचलित शैली से मेल खाती है।
- फायरिंग में इस्तेमाल हथियार 9mm पिस्टल प्रतीत हो रहा है।
📞 पुलिस हेल्पलाइन:
करनाल पुलिस ने व्यापारियों के लिए एक विशेष नंबर 112 और स्थानीय चौकी इंचार्ज के नंबर सार्वजनिक कर दिए हैं। इसके अतिरिक्त, वाट्सएप ग्रुप बनाकर व्यापारी एक-दूसरे को किसी भी आपात स्थिति में सूचित कर सकते हैं।
करनाल रंगदारी कांड का राजनीतिक असर
इस घटना ने सियासी हलकों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने सरकार पर कानून व्यवस्था विफल होने का आरोप लगाया है, जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधि लोगों को आश्वस्त करने में लगे हैं। करनाल रंगदारी कांड अब केवल एक अपराध नहीं, बल्कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक संवेदनशीलता की परीक्षा बन चुका है।
📌 निष्कर्ष: डर के साये में व्यापार
करनाल में हुई यह घटना केवल एक गोलीबारी नहीं थी, यह पूरे व्यापारिक समुदाय को संदेश था कि अपराधियों की हिम्मत कितनी बढ़ चुकी है। हालांकि पुलिस और प्रशासन सतर्क हैं, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए केवल आश्वासन नहीं, बल्कि त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है।
अब देखना यह होगा कि एसपी गंगाराम पूनिया और उनकी टीम इस चुनौती को कैसे सुलझाती है। क्योंकि अगर इस पर सख्त कदम नहीं उठाया गया, तो न केवल व्यापार प्रभावित होगा बल्कि आम जनता का भी कानून व्यवस्था पर से विश्वास डगमगाएगा।