हादसे में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक समेत दो डॉक्टरों की गई जान
करनाल के असंध में जींद रोड पर हुए दर्दनाक सड़क हादसे में कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजय पाल और फॉरेंसिक विभाग के अध्यक्ष डॉ. मोहित सैनी की मौत हो गई। हादसे में कार में सवार चार अन्य डॉक्टर और चालक भी गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी डॉक्टर हांसी में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे, जब यह भीषण हादसा हुआ।
कैसे हुआ हादसा: अचानक कार के सामने आया नीलगाय का बच्चा
सूत्रों के अनुसार, जब डॉक्टरों की कार असंध से जींद रोड स्थित बंदराला गांव के बस अड्डे के पास पहुंची, तभी अचानक एक नीलगाय का बच्चा तेजी से दौड़ता हुआ उनकी कार के सामने आ गया। चालक ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन टक्कर लगने से कार का शीशा टूट गया और नीलगाय का बच्चा सीधे गाड़ी के अंदर आ गिरा।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजय पाल, जो कार में आगे की सीट पर बैठे थे, उसी क्षण गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हादसे के दौरान नीलगाय के बच्चे की भी जान चली गई।
घायलों को पहुंचाया गया अस्पताल, एक और डॉक्टर ने तोड़ा दम
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को असंध के नागरिक अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने जांच के बाद डॉ. विजय पाल को मृत घोषित कर दिया। वहीं, गंभीर रूप से घायल डॉ. मोहित सैनी, डॉ. गौरव और चालक कृष्ण को तुरंत कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज, करनाल रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान डॉ. मोहित सैनी ने भी दम तोड़ दिया। अन्य घायल डॉक्टरों का नागरिक अस्पताल में इलाज जारी है।
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डॉक्टरों के साथ क्या हुआ? हादसे के बाद की स्थिति
- मौके पर ही मौत: चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजय पाल
- अस्पताल में इलाज के दौरान मौत: फॉरेंसिक विभाग के अध्यक्ष डॉ. मोहित सैनी
- गंभीर रूप से घायल: डॉ. गौरव, चालक कृष्ण (कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती)
- अन्य घायल: डॉ. अभिषेक, डॉ. संदीप, डॉ. मनीष (नागरिक अस्पताल में उपचाराधीन)
शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे सभी डॉक्टर
डॉक्टरों की यह टीम हांसी में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए निकली थी। उनका सफर खुशियों भरा होने वाला था, लेकिन अचानक हुई इस दर्दनाक दुर्घटना ने पूरे करनाल जिले को शोक में डाल दिया।
नीलगाय का बढ़ता खतरा: सड़क हादसों में हो रही वृद्धि
यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसी सड़क हादसे में नीलगाय या अन्य जंगली जानवर की वजह से दुर्घटना हुई हो। हरियाणा और अन्य राज्यों में नीलगायों की संख्या बढ़ने से सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। नीलगाय अक्सर तेजी से सड़क पार करती हैं, जिससे वाहन चालकों को संभलने का समय नहीं मिलता और हादसे हो जाते हैं। प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
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पुलिस जांच में जुटी, परिवारों में मातम
असंध थाना प्रभारी राकेश राणा के अनुसार, घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया और मामले की जांच जारी है। डॉक्टर विजय पाल और डॉ. मोहित सैनी की असमय मौत से उनके परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य विभाग में शोक की लहर है। डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।
क्या प्रशासन उठाएगा कोई कदम?
इस घटना के बाद प्रशासन से मांग की जा रही है कि सड़क पर जानवरों के अचानक आने से होने वाले हादसों को रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएं। हाईवे और मुख्य सड़कों पर नीलगायों की आवाजाही रोकने के लिए बैरिकेडिंग, सड़क किनारे ऊंची बाड़ और वन्यजीवों को नियंत्रित करने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जानी चाहिए।
निष्कर्ष: एक दर्दनाक हादसे से उठते सवाल
करनाल में हुआ यह हादसा बेहद दुखद और सोचने पर मजबूर करने वाला है। नीलगायों की बढ़ती संख्या और सड़कों पर उनकी आवाजाही न सिर्फ वाहन चालकों बल्कि उनके खुद के लिए भी खतरनाक साबित हो रही है। सरकार और प्रशासन को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।
इस दुर्घटना ने पूरे मेडिकल समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना।