करनाल कॉल सेंटर फर्जीवाड़ा: बिना लाइसेंस सिम बॉक्स से हो रही थी कॉलिंग, 8 कंप्यूटर-लैपटॉप, 56 सिम बरामद

करनाल कॉल सेंटर फर्जीवाड़ा: बिना लाइसेंस सिम बॉक्स से हो रही थी कॉलिंग, 8 कंप्यूटर-लैपटॉप, 56 सिम बरामद
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करनाल कॉल सेंटर फर्जीवाड़ा। हरियाणा के करनाल जिले में एक बार फिर साइबर फर्जीवाड़े की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। कर्ण कैनाल स्थित एक कॉल सेंटर पर मुख्यमंत्री उड़नदस्ता (CM Flying) ने छापा मारते हुए अवैध सिम बॉक्स, कंप्यूटर सेट और लैपटॉप समेत अन्य डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि कॉल सेंटर में बिना किसी लाइसेंस के सिम बॉक्स का उपयोग कर लोगों की फर्जी आईडी पर सिम एक्टिवेट कर कॉलिंग की जा रही थी। इस नेटवर्क का संचालन कपिल सचदेवा नामक व्यक्ति कर रहा था जबकि सिम की आपूर्ति अमरजीत नाम के बिचौलिए द्वारा की जा रही थी।

🔍 खुलासे की पृष्ठभूमि

इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब एक टेलीकॉम कंपनी के नोडल अधिकारी हुसन एम जैदी को सूचना मिली कि उनके नेटवर्क के 28 सिम करनाल में अवैध सिम बॉक्स में सक्रिय हैं। उन्होंने इस संबंध में दूर संचार विभाग और सीएम फ्लाइंग को सूचित किया। इस सूचना के आधार पर हरियाणा क्षेत्र अंबाला के दूर संचार निदेशक विशाल कुमार, मुख्यमंत्री उड़नदस्ता से निरीक्षक बिजेंद्र सिंह और उपनिरीक्षक कृष्ण कुमार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम गठित की गई।

🧾 अवैध सिम बॉक्स का खुलासा

टीम ने छापा मार कर देखा कि कॉल सेंटर में वोडाफोन नेटवर्क के 15 सिम एक सिम बॉक्स में लगे हुए थे और सक्रिय थे। यह सिम बॉक्स पूरी तरह अवैध था क्योंकि इसके संचालन के लिए कोई लाइसेंस प्राप्त नहीं किया गया था। कुल 16 स्लॉट वाले इस सिम बॉक्स में 15 सिम ऑपरेशनल पाए गए। इसके अतिरिक्त मौके से 56 अन्य सिम कार्ड भी जब्त किए गए, जो विभिन्न अज्ञात व्यक्तियों की फर्जी आईडी पर जारी किए गए थे।

💻 बरामद हुए डिजिटल उपकरण

मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की संयुक्त टीम ने कॉल सेंटर की तलाशी के दौरान 6 कंप्यूटर सेट, एक लैपटॉप और एक सिम बॉक्स भी जब्त किया। यह कॉल सेंटर कर्ण कैनाल के एससीओ 399 की दूसरी मंजिल पर संचालित किया जा रहा था।

🧑‍💼 आरोपियों की पहचान

पूरे मामले में दो मुख्य आरोपी सामने आए हैं:

  1. कपिल सचदेवा – कॉल सेंटर संचालक, निवासी सेक्टर 8 करनाल
  2. अमरजीत – सिम सप्लायर, निवासी गांव संगोहा

अमरजीत ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने विभिन्न लोगों की फर्जी आईडी पर सिम जारी करवा कर कपिल को बेचे थे। ये सिम बाद में कॉल सेंटर में अवैध सिम बॉक्स में लगाए गए।

📞 टेलीकॉम कंपनी की भूमिका

टेलीकॉम कंपनी ‘आइडिया’ के नोडल अधिकारी ने थाना सिविल लाइन पुलिस को शिकायत दी कि कंपनी के 28 सिम गैरकानूनी ढंग से एक सिम बॉक्स में सक्रिय थे। इसके बाद कॉल सेंटर के संचालक कपिल सचदेवा और सिम उपलब्ध कराने वाले अमरजीत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और टेलीकॉम अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।

🧾 FIR का विवरण

FIR सिविल लाइन थाने में दर्ज की गई है, जिसमें कपिल पर मुख्य आरोप है कि उसने बिना लाइसेंस के कॉल सेंटर में सिम बॉक्स चला कर हजारों अनजान नंबरों पर कॉल की। वहीं, अमरजीत ने उन सिम कार्ड्स को फर्जी दस्तावेजों से जारी करवा कर कपिल को दिए। इससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों आरोपी मिलकर एक संगठित अवैध नेटवर्क चला रहे थे।

🔗 संभावित साइबर क्राइम की जांच

फिलहाल, पुलिस और दूर संचार विभाग की संयुक्त टीम इस बात की जांच कर रही है कि इन सिमों का प्रयोग किन नंबरों पर कॉल करने के लिए किया गया। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि कहीं इसका संबंध ठगी, बैंक धोखाधड़ी, स्पैम कॉलिंग या देश विरोधी गतिविधियों से तो नहीं है। टेलीकॉम कंपनियों की साइबर यूनिट भी इन सिम नंबरों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की जांच कर रही है।

📈 टेली-कॉम इंडस्ट्री पर असर

यह मामला टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए भी गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि इस प्रकार से फर्जी सिम का प्रयोग कर कॉल सेंटर चलाना न सिर्फ साइबर सुरक्षा में सेंध है, बल्कि ग्राहकों के व्यक्तिगत डेटा की चोरी का भी खतरा है। इस घटना के बाद दूर संचार विभाग ने सभी कंपनियों को फर्जी सिम एक्टिवेशन को रोकने के लिए अधिक सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

👮🏻‍♂️ पुलिस का बयान

सिविल लाइन थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उनके खिलाफ साइबर एक्सपर्ट्स की सहायता से विस्तृत जांच की जा रही है। इसके अतिरिक्त, यह भी देखा जा रहा है कि कपिल सचदेवा के संपर्क में और कौन-कौन लोग थे और इस नेटवर्क का विस्तार कहां तक था।

📢 प्रशासन की अपील

जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने आम जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति अपनी आईडी किसी अनजान व्यक्ति को सिम लेने के लिए न दे और यदि ऐसा कुछ होता दिखाई दे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

📷 मीडिया कवरेज और स्थानीय प्रतिक्रिया

यह मामला करनाल के स्थानीय मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। स्थानीय नागरिकों ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की है और प्रशासन से अपील की है कि ऐसे मामलों पर लगातार नजर रखी जाए। वहीं, व्यापारिक संगठनों ने भी इस कॉल सेंटर को लेकर चिंता जताई है कि बिना लाइसेंस और कानूनी प्रक्रिया के इस प्रकार का संचालन पूरे व्यापारिक माहौल को प्रभावित करता है।

📚 निष्कर्ष

करनाल में सामने आया यह कॉल सेंटर फर्जीवाड़ा न सिर्फ टेलीकॉम सुरक्षा में सेंध है, बल्कि यह आम नागरिकों की आईडी के दुरुपयोग का भी गंभीर मामला है। प्रशासन की तत्परता और संयुक्त टीम की सक्रियता से समय रहते इस गिरोह का पर्दाफाश हो गया। आने वाले दिनों में इस नेटवर्क के और विस्तार की जानकारी सामने आने की संभावना है।

⏭️ आने वाले कदम

  • आरोपी कपिल और अमरजीत से पूछताछ जारी
  • सिम बॉक्स के कॉल लॉग की जांच
  • अन्य संभावित नेटवर्क की तलाश
  • सिम जारी करने वाले दुकानदारों की भूमिका की जांच
  • साइबर टीम द्वारा डेटा फोरेंसिक एनालिसिस

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