गुरुग्राम, हरियाणा की चमकती दमकती साइबर सिटी में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट में एक वरिष्ठ IAS अधिकारी के खाने में कीड़ा निकल आया। यह मामला ‘सेलेस्टे रेस्टोरेंट’ से जुड़ा हुआ है, जो शहर के पॉश इलाके 32 माइलस्टोन में स्थित है। खाने में कीड़ा मिलने की शिकायत सीधे हरियाणा प्रशासन के एक सीनियर आईएएस अफसर द्वारा की गई, जिसके बाद पूरा फूड एंड सप्लाई विभाग हरकत में आ गया है। विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भोजन के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं और यह मामला अब लाइसेंस रद्दीकरण तक पहुंच सकता है।
शहर के प्रतिष्ठित सेलेस्टे रेस्टोरेंट की प्रतिष्ठा अब दांव पर लग गई है और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने आग में घी डालने का काम किया है। इस खबर ने गुरुग्राम समेत पूरे एनसीआर क्षेत्र में उपभोक्ताओं की सुरक्षा और फूड क्वालिटी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना की शुरुआत: आईएएस अधिकारी की शिकायत
जानकारी के अनुसार, हरियाणा कैडर के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रविवार को अपनी पत्नी के साथ रात के खाने के लिए गुरुग्राम के सेलेस्टे रेस्टोरेंट पहुंचे थे। रेस्टोरेंट का माहौल, लाइटिंग और इंटीरियर काफी आकर्षक था, जैसा कि इस रेस्टोरेंट की आम पहचान रही है। लेकिन जो घटना हुई, उसने उनकी शाम को खराब कर दिया।
ऑर्डर देने के कुछ देर बाद जब खाना परोसा गया, तो IAS अफसर की पत्नी ने भोजन में कुछ असामान्य देखा। गौर से देखने पर उसमें एक मरा हुआ कीड़ा पाया गया। यह देखकर दंपति स्तब्ध रह गए। उन्होंने तुरंत इस मामले की शिकायत रेस्टोरेंट के मैनेजमेंट से की। लेकिन अफसोस की बात यह रही कि होटल स्टाफ या मैनेजमेंट द्वारा इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया गया और न ही कोई संतोषजनक जवाब दिया गया।
फूड एंड सप्लाई विभाग की कार्रवाई
खाने में कीड़ा निकलने की घटना पर IAS अधिकारी ने नाराज़गी जताते हुए तुरंत फूड एंड सप्लाई विभाग से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही विभाग ने तत्काल प्रभाव से अपनी टीम मौके पर भेजी। अधिकारियों ने सेलेस्टे रेस्टोरेंट में परोसे जा रहे खाद्य पदार्थों की जांच की और ड्राई फ्रूट्स व हरी चटनी सहित कई सैंपल लिए।
इन सैंपल्स को फॉरेंसिक फूड लेबोरेटरी में भेजा गया है, जहां इनकी गुणवत्ता की जांच की जा रही है। विभाग के अनुसार, यदि सैंपल जांच में कोई भी दोष पाया जाता है तो FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) रेस्टोरेंट का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर सकती है।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला (संभावित तौर पर IAS अधिकारी की पत्नी) बेहद नाराज़गी के साथ खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए देखी जा सकती हैं। वीडियो में वह कह रही हैं, “आप लोग इतने महंगे रेस्टोरेंट में इतने घटिया स्तर का खाना परोसते हो? यह आम जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ है।”
वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया की बाढ़ आ गई है। आम लोगों ने इस घटना को बेहद गंभीर बताते हुए फूड डिपार्टमेंट से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
रेस्टोरेंट पर लाइसेंस रद्दीकरण की तलवार
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सूत्रों के मुताबिक, सेलेस्टे रेस्टोरेंट की सैंपल रिपोर्ट अगर दोषपूर्ण पाई जाती है तो FSSAI की ओर से उनका ऑपरेशनल लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। यह प्रक्रिया बिल्कुल नियमानुसार की जाएगी।
FSSAI की गाइडलाइन के अनुसार, यदि कोई खाद्य प्रतिष्ठान उपभोक्ता की सेहत के लिए जोखिम उत्पन्न करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में चूंकि शिकायत एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा की गई है, इसलिए विभाग किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतना चाहता।
साइबर सिटी की छवि पर धब्बा
गौरतलब है कि गुरुग्राम को ‘भारत की साइबर सिटी’ के नाम से जाना जाता है। यहां हर साल हजारों विदेशी पर्यटक और कॉर्पोरेट अधिकारी आते हैं। ऐसे में किसी प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट में इस तरह की घटना का सामने आना ना सिर्फ उपभोक्ताओं की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है, बल्कि गुरुग्राम की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचाता है।
एफएसएसएआई की भूमिका और संभावित एक्शन
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) देशभर में खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने वाली सर्वोच्च संस्था है। यदि किसी संस्थान में घटिया या दूषित खाद्य सामग्री परोसी जाती है तो संस्था के पास जुर्माना, अस्थायी बंदी या लाइसेंस रद्द करने का अधिकार होता है।
एक वरिष्ठ खाद्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “अगर सैंपल रिपोर्ट में किसी प्रकार की मिलावट, जीवाणु या कीट मौजूद पाए जाते हैं तो सेलेस्टे रेस्टोरेंट पर कड़ी कार्रवाई तय है। यह नियम IAS हो या आम नागरिक, सबके लिए समान है।”
भविष्य में क्या हो सकता है?
अब सबकी नजरें सैंपल जांच रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं। यदि जांच रिपोर्ट में दोष पाया गया तो रेस्टोरेंट का संचालन लाइसेंस रद्द किया जा सकता है, भारी जुर्माना लगाया जा सकता है और इसके संचालकों पर एफआईआर तक दर्ज हो सकती है। दूसरी ओर यदि रिपोर्ट में सब कुछ सही पाया जाता है, तब भी रेस्टोरेंट की छवि को नुकसान पहले ही हो चुका है।
पिछले ऐसे मामले
गुरुग्राम में इससे पहले भी कुछ रेस्टोरेंट्स में खाद्य गुणवत्ता को लेकर शिकायतें सामने आ चुकी हैं। वर्ष 2022 में एक प्रतिष्ठित फास्ट फूड चेन में मिले कॉकरेच की शिकायत पर भी विभाग ने सैंपल लेकर कड़ी चेतावनी दी थी। लेकिन चूंकि इस बार मामला एक उच्च अधिकारी से जुड़ा है, इसलिए इसकी गंभीरता कहीं ज्यादा है।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस घटना के बाद ‘#CelesteControversy’ और ‘#GurgaonFoodSafety’ जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। उपभोक्ता फूड क्वालिटी को लेकर चिंता जता रहे हैं और सवाल कर रहे हैं कि यदि आईएएस अधिकारी के साथ यह हो सकता है, तो आम आदमी की स्थिति क्या होगी?
निष्कर्ष
यह घटना गुरुग्राम जैसे हाई-प्रोफाइल शहर में फूड क्वालिटी को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। अब देखना यह होगा कि जांच रिपोर्ट क्या कहती है और फूड डिपार्टमेंट क्या कदम उठाता है। लेकिन एक बात तय है कि सेलेस्टे रेस्टोरेंट और गुरुग्राम की फूड इंडस्ट्री को इस घटना से बड़ा सबक जरूर मिलेगा।
यदि आप भी किसी रेस्टोरेंट में खाद्य अस्वच्छता, कीट, मिलावट या अन्य कोई स्वास्थ्य जोखिम वाली बात देखते हैं, तो तुरंत फूड सेफ्टी हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें। यह कदम न सिर्फ आपकी सेहत की सुरक्षा करेगा, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी भी बनेगा।