“नैनीताल की हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंची जंगल की आग, बुलाई गई सेना: सुलगते पहाड़, धधकते जंगल और सांसों की तबाही”

सुलगते पहाड़, धधकते जंगल और सांसों की तबाही... नैनीताल की हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंची जंगल की आग, बुलाई गई सेना https://www.aajtak.in/india/uttarakhand/story/smoldering-mountains-blazing-forests-and-breathless-devastation-forest-fire-reaches-nainital-high-court-colony-army-called-in-lcla-1929846-2024-04-27
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उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग भीषण हो गई है। इस आग की लपटें नैनीताल में हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गईं। इस चिंताजनक स्थिति के कारण सरकारी अधिकारी और जंगल संरक्षण विभाग की टीमें तत्परता से काम कर रही हैं ताकि आग को नियंत्रित किया जा सके, बता दें कि रुद्रप्रयाग में शुक्रवार को जंगल में आग लगाने की कोशिश करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया.

उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने का सिलसिला अब भी जारी है. नैनीताल से समीप नैनीताल भवाली रोड पर पाइंस के जंगलों में भीषण आग लग गई है, जिसमें जंगल का एक बड़ा हिस्सा और आईटीआई भवन चपेट में आ गया. नैनीताल में लड़ियाकांटा क्षेत्र के जंगल में भी आग लगी हुई है। इस आग के कारण नैनीताल से भवाली जाने वाली सड़क पर धुआं छाया हुआ है। वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है.

दमकल विभाग की टीम को नैनीताल के पास लड़ियाकांटा में आग लगने के बाद तेज हवाओं की चपेट में आग को नियंत्रित करने में कठिनाई आ रही है. इस घातक आग से भारतीय सेना के क्षेत्र में भी खतरा है, इसलिए सेना के जवान भी अब आग को बुझाने के काम में जुटे हुए हैं.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कल से प्रशासन हेलिकॉप्टर के माध्यम से नैनीताल और भीमताल झीलों से पानी लेकर आग को बुझाने का प्रयास करेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि नैनीताल समेत कुमाऊं के जंगलों में आग लग गई है. नैनीताल के बलदियाखान, ज्योलिकोट, मंगोली, खुरपाताल, देवीधुरा, भवाली, पाईनस, और भीमताल मुक्तेश्वर समेत आसपास के जंगलों में आग फैली है.

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नैनीताल जिला मुख्यालय के पास जंगल में लगी आग ने भीषण रूप ले लिया है, जिससे पाइंस क्षेत्र स्थित हाईकोर्ट कॉलोनी के निवासियों पर खतरा मंडराने लगा है. इसका असर इलाके में यातायात व्यवस्था पर भी पड़ा। इलाके के निवासी और हाई कोर्ट के सहायक रजिस्ट्रार अनिल जोशी ने कहा कि आग ने द पाइंस के पास स्थित एक खाली पड़े घर को चपेट में ले लिया है.

हाई कोर्ट कॉलोनी में कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यहां की स्थिति खतरनाक हो रही है. संवेदनशील इलाकों तक आग के पहुंचने की आशंका होने के कारण, सरकार ने तत्काल प्रयास किया है आग को बुझाने का.

24 घंटों में 31 आग लगने की घटनाएं, 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ

नैनीताल के प्रभागीय वन अधिकारी चन्द्रशेखर जोशी ने बताया कि आग बुझाने के लिए हमने मनोरा रेंज के 40 कर्मियों और दो वन रेंजरों को तैनात किया है. वन विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में जंगल में 26 आग लगने की घटनाएं हुईं, जबकि गढ़वाल क्षेत्र में पांच घटनाएं हुईं, जिससे 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ.

पिछले साल 1 नवंबर से अब तक, राज्य में जंगल में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आई हैं. इन घटनाओं से 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है और राज्य को 14 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. जखोली और रुद्रप्रयाग के दो अलग-अलग क्षेत्रों में जंगल में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को अलर्ट पर रहने को कहा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को अलर्ट पर रहने और सभी विभागों के साथ समन्वय करके आग को रोकने के उपाय करने के लिए कहा है। उन्होंने राज्य में वृद्धि कर रही आगाहियों को देखते हुए सरकारी अधिकारियों को सतर्क रहने की अपील की है. रुद्रप्रयाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने बताया कि जंगल की आग को रोकने के लिए गठित टीम द्वारा कार्रवाई की गई है. उन्होंने जखोली के तड़ियाल गांव के भेड़पालक नरेश भट्ट को जंगल में आग लगाते समय मौके से पकड़ लिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उसने अपनी भेड़ों को चराने के लिए नई घास उगाने के लिए आग लगाई थी.

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