हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद कांग्रेस द्वारा लगाए गए अनियमितताओं और धांधली के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस मुद्दे पर मंगलवार को एक व्यापक बयान जारी करते हुए आयोग ने कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद बताया और पार्टी को भविष्य में इस तरह के निराधार आरोपों से बचने की सलाह दी। इसके साथ ही आयोग ने इस प्रकार की राजनीति करने के खिलाफ सख्त चेतावनी भी दी है।
चुनाव आयोग का कांग्रेस को संदेश: “आरोप लगाने से पहले ठोस सबूत जुटाएं”
हरियाणा चुनाव के नतीजों के बाद, कांग्रेस ने चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी और ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। आयोग ने कांग्रेस से अपील की कि वह चुनावी प्रक्रिया का सामना करने के बाद जल्दबाजी में इस प्रकार के सनसनीखेज आरोप लगाने से बचे। आयोग ने कांग्रेस को 1600 पन्नों का विस्तृत जवाब भेजा है, जिसमें सभी आरोपों का खंडन किया गया है और कहा गया है कि आरोपों के पीछे कोई ठोस आधार नहीं है।
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि ऐसे निराधार आरोप जनता के बीच अराजकता और असंतोष को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की गरिमा को ठेस पहुंचती है।
हरियाणा चुनाव में धांधली के आरोप: 26 सीटों का गहन पुन: सत्यापन
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों के जवाब में बताया कि हरियाणा में चुनाव प्रक्रिया के हर चरण में पारदर्शिता और निष्पक्षता का पालन किया गया। 26 विधानसभा सीटों पर रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा गहन पुन: सत्यापन किया गया और यह कार्य कांग्रेस उम्मीदवारों और उनके एजेंटों की उपस्थिति में हुआ।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी शिकायतों का उचित जांच के बाद जवाब दिया गया है। इसके बावजूद, कांग्रेस ने चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए उन सीटों पर पुन: गिनती की मांग की, जहां उनके उम्मीदवार मामूली अंतर से हारे थे।
कांग्रेस के आरोपों का विवरण: “99% बैटरी ईवीएम पर बीजेपी की जीत”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा और जयराम रमेश ने चुनाव के दौरान ईवीएम बैटरी की स्थिति को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन ईवीएम में बैटरी 99 प्रतिशत थी, उनमें बीजेपी के उम्मीदवार विजयी हुए, जबकि जिन ईवीएम में बैटरी 60-70 प्रतिशत के बीच थी, उनमें कांग्रेस की जीत हुई। कांग्रेस ने इसे चुनावी धांधली का एक उदाहरण बताया।
इस संदर्भ में, कांग्रेस ने हिसार, महेंद्रगढ़, और पानीपत जैसे क्षेत्रों में ईवीएम की बैटरी की स्थिति को लेकर भी गंभीर आशंका जताई थी। जयराम रमेश ने इसे “साजिश” बताते हुए दावा किया था कि बीजेपी ने इन सीटों पर ईवीएम से छेड़छाड़ की है।
20 सीटों पर गंभीर अनियमितताओं का दावा
कांग्रेस ने चुनाव आयोग को नारनौल, करनाल, डबवाली, रेवाड़ी, होडल, कालका, पानीपत सिटी, इंद्री, बड़खल, फरीदाबाद एनआईटी, नलवा, रानिया, पटौदी, पलवल, बल्लभगढ़, बरवाला, उचाना कलां, घरौंडा, कोसली, और बादशाहपुर जैसी 20 विधानसभा सीटों पर गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें दर्ज की थीं। कांग्रेस ने कहा था कि ये सभी सीटें महत्वपूर्ण थीं और यहां पार्टी उम्मीदवार मामूली अंतर से हारे थे।
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान सहित अन्य नेताओं ने इन शिकायतों का समर्थन करते हुए कहा था कि इस प्रकार की चुनावी गड़बड़ियां लोकतंत्र के लिए खतरा हैं और इन पर तुरंत जांच होनी चाहिए।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया: पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया का दावा
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए जोर दिया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव का हर चरण निष्पक्ष और पारदर्शी था। आयोग ने कहा कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया में कांग्रेस उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को सभी प्रावधानों का पालन करते हुए अवसर दिए गए थे। आयोग ने यह भी कहा कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में रिटर्निंग अधिकारियों ने निष्पक्षता से काम किया और हर शिकायत का निराकरण किया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी कांग्रेस की शिकायतों को खारिज करते हुए कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में कोई गंभीर खामी नहीं थी और यह कि कांग्रेस को अप्रत्याशित नतीजों का सामना करना पड़ा, जिससे वे आरोप लगाने पर मजबूर हुए।
बीजेपी की जीत पर कांग्रेस का रुख
कांग्रेस ने हरियाणा में हुए 2024 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की 48 सीटों पर प्रचंड जीत के बाद आरोप लगाए। इस चुनाव में कांग्रेस 37 सीटों पर जीत हासिल कर पाई, जो बहुमत से दूर थी। कांग्रेस ने चुनाव में हार के बाद कहा कि बीजेपी की जीत अप्रत्याशित थी और चुनावी अनियमितताओं का संदेह जताया। कांग्रेस का कहना था कि सत्ता विरोधी लहर के बावजूद बीजेपी की इतनी बड़ी जीत कई सवाल खड़े करती है।
बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार: “नतीजों से हताश कांग्रेस आधारहीन आरोप लगा रही है”
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए इसे हार की हताशा से प्रेरित बताया। बीजेपी के प्रवक्ताओं ने कहा कि हरियाणा में जनता ने बीजेपी पर विश्वास जताया है और कांग्रेस अब अपनी हार को ढकने के लिए चुनाव आयोग पर आरोप मढ़ रही है। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस को अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए और जनता के फैसले का सम्मान करना चाहिए।
आयोग की सख्त चेतावनी: निराधार आरोप लगाने पर रोक की जरूरत
चुनाव आयोग ने कांग्रेस को स्पष्ट रूप से कहा कि वह चुनावी प्रक्रिया पर इस प्रकार के आधारहीन आरोप लगाने से बचे। आयोग ने कहा कि इस प्रकार की शिकायतें न केवल अनावश्यक विवाद खड़ा करती हैं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी प्रश्नचिह्न लगाती हैं।
आयोग ने कांग्रेस को सुझाव दिया कि वह चुनावी प्रक्रिया में सुधार के सुझाव दे और किसी भी प्रकार के आरोप लगाने से पहले ठोस और प्रमाणित जानकारी प्रस्तुत करे। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि हरियाणा चुनाव में सभी मतदाताओं और उम्मीदवारों को समान अवसर दिया गया था और हर चरण में पारदर्शिता बरती गई थी।
चुनाव आयोग की चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता पर जोर
आयोग ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को बनाए रखना सभी पार्टियों की जिम्मेदारी है। इस प्रकार के निराधार आरोपों से आम जनता में भ्रम और अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे जनता में सकारात्मक संदेश फैलाएं और नतीजों को स्वीकारें। आयोग ने यह भी कहा कि भविष्य में इस प्रकार के आरोप लगाने पर सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
निष्कर्ष: लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया में विश्वास की जरूरत
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम के बाद कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया एक स्पष्ट संदेश है कि लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रिया पर संदेह करने के बजाय, सभी दलों को नतीजों का सम्मान करना चाहिए। आयोग ने कांग्रेस को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस प्रकार के आरोपों से बचने और ठोस सबूत के साथ शिकायतें दर्ज करने की आवश्यकता है।
इस घटनाक्रम से यह साफ है कि लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रिया पर अविश्वास फैलाना जनता के हित में नहीं है। चुनाव आयोग ने अपने बयान में यह भी कहा कि हरियाणा में चुनाव के सभी चरणों में निष्पक्षता, पारदर्शिता और संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया।
इस मुद्दे पर उठे सभी सवालों के बीच यह आवश्यक है कि राजनीतिक दल जनता में लोकतंत्र पर विश्वास बनाए रखें और चुनावी नतीजों का सम्मान करें।