हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध निर्देशक सिकंदर भारती ने अपने 60 साल के युग में दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनके चले जाने से हिंदी सिनेमा जगत में एक विशेष रिक्ति महसूस हो रही है। सिकंदर भारती का निधन 24 मई को मुंबई में हुआ, जहां उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।
अंतिम विदाई की अनमोल यात्रा
सिकंदर भारती के अंतिम संस्कार का आयोजन 25 मई को सुबह 11 बजे ओशिवारा शमशान घाट पर किया गया। उनके निधन के समय फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े नामों ने उनके अंतिम संस्कार में भाग लिया। सभी ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी।
यादें और उपलब्धियाँ
सिकंदर भारती ने हिंदी सिनेमा को कई यादगार फिल्में दी हैं। उनकी फिल्में न केवल कलाकारों के लिए बल्कि दर्शकों के दिलों में भी विशेष स्थान बना लिया। ‘घर का चिराग’, ‘जालिम’, ‘रुपए दस करोड़’, ‘भाई भाई’, ‘सैनिक सिर उठा के जियो’, ‘दंडनायक’, ‘रंगीला राजा’, ‘पुलिस वाला’ और ‘दो फंटूश’ जैसी उनकी फिल्में दर्शकों के बीच धमाल मचा चुकी हैं।
अनुभव का जोड़
सिकंदर भारती को एक अद्वितीय निर्देशक के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने हमेशा अपने काम में ईमानदारी से और प्रेम से काम किया है। उनके कार्य का एक विशेषता यह रही है कि वे हमेशा फिल्मों में एक संदेश पहुंचाने की कोशिश करते रहे हैं, जिसके कारण उनकी फिल्में दर्शकों के बीच पसंदीदा हो गईं।
निधन की गहरी खाली
उनके निधन के समय उनके परिवार की गहरी खाली है। उनकी पत्नी पिंकी और तीन बच्चे सिपिका, युविका और सुकरात के लिए यह अत्यंत दुखद समय है। फिल्म इंडस्ट्री में भी उनके चले जाने से एक अभाव महसूस हो रहा है।
सेलेब्रिटी संबंध
सिकंदर भारती बॉलीवुड में अपने साथी कलाकारों के साथ एक विशेष बॉन्ड बनाए रखते थे। वे हमेशा विवादों से परे रहते और किसी भी विवाद को दूर करने का प्रयास करते थे। इस वजह से शायद ही कभी उन्होंने किसी गलत खबर की वजह से मीडिया में सुर्खियां बढ़ाई। उनके अन्य साथी कलाकारों के साथ एक अच्छा संबंध था, जो उनके काम को सराहते और समर्थन देते थे। अब तक यह पता नहीं चला है कि निर्देशक की मौत का कारण क्या था, और न ही उनके परिवार ने किसी आधिकारिक बयान जारी किया है।