हरियाणा के चरखी दादरी जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब शादी के जश्न के दौरान हुई गोलीबारी में 13 वर्षीय किशोरी की मौत हो गई और उसकी मां घायल हो गई। यह घटना भिवानी रोड पर स्थित एक बैंक्वेट हॉल में हुई, जहां पीड़ित परिवार एक शादी समारोह में शामिल होने गया था। इस हादसे ने खुशी के माहौल को मातम में बदल दिया।
कैसे हुआ हादसा: फायरिंग की वजह से मासूम की जान गई
पुलिस के अनुसार, शादी समारोह में कुछ युवा जश्न मनाने के दौरान फायरिंग कर रहे थे। इस दौरान चली एक गोली सीधे 13 वर्षीय किशोरी को जा लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। गोली लगने से उसकी मां भी घायल हो गई।
इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने घटना की जानकारी देते हुए कहा, “शादी में शामिल युवाओं द्वारा की गई फायरिंग से यह हादसा हुआ। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जश्न के दौरान कुछ लोग नाच-गाने के साथ-साथ हर्ष फायरिंग कर रहे थे। हम इस मामले में विवाह समारोह के वीडियो फुटेज की जांच कर रहे हैं।”
घटना के बाद पसरा मातम
घटना के बाद शादी का माहौल मातम में बदल गया। वहां मौजूद मेहमानों में दहशत फैल गई। वहीं, जब इस दर्दनाक घटना की खबर मृतक किशोरी के रेवाड़ी गांव पहुंची, तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे।
कौन थी मृतक किशोरी?
13 वर्षीय किशोरी रेवाड़ी गांव की रहने वाली थी। वह अपने परिवार के साथ चरखी दादरी के बैंक्वेट हॉल में शादी समारोह में शामिल होने आई थी। अपनी मासूमियत और चुलबुलेपन के लिए जानी जाने वाली यह बच्ची अब गांव और परिवार के लिए एक याद बनकर रह गई।
मां की हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती
घायल मां को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर है, लेकिन उन्हें गहन निगरानी में रखा गया है। परिवार इस हादसे से पूरी तरह टूट चुका है।
पुलिस जांच और कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एसएचओ ने बताया, “हमने बीएनएस धारा 106 (लापरवाही से मौत) और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों की पहचान के लिए विवाह कार्यक्रम के सभी वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे हैं।” पुलिस की प्राथमिकता उन युवाओं की पहचान करना है, जो फायरिंग में शामिल थे।
हर्ष फायरिंग: एक खतरनाक चलन
यह कोई पहली घटना नहीं है, जब शादी समारोह में हर्ष फायरिंग से किसी की जान गई हो। यह एक खतरनाक चलन बन चुका है, जो खुशियों को मातम में बदल देता है।
क्या है हर्ष फायरिंग का नियम?
भारत में हर्ष फायरिंग कानूनन अपराध है। भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत, ऐसा करने वालों को कड़ी सजा का प्रावधान है। बावजूद इसके, इस तरह की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
गांव और समाज की प्रतिक्रिया
मृतक के गांव रेवाड़ी में मातम का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं सामाजिक जिम्मेदारी की कमी को दर्शाती हैं। एक ग्रामीण ने कहा, “ऐसी घटनाएं हमारी खुशी को कड़वाहट में बदल देती हैं। प्रशासन को हर्ष फायरिंग पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
पीड़ित परिवार की हालत और मांग
मृतक किशोरी के परिवार ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से अपील की है कि इस मामले की गहन जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
समाज को सीख लेने की जरूरत
यह घटना एक बार फिर हर्ष फायरिंग के खतरों को उजागर करती है। इस तरह की घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती हैं, बल्कि यह समाज के लिए भी एक सबक हैं। “शादी के जश्न में खुशी मनाना गलत नहीं है, लेकिन इसे जिम्मेदारी से करना चाहिए। फायरिंग जैसे खतरनाक कृत्य से बचना चाहिए,” एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा।
प्रशासन की सख्ती जरूरी
प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए। शादी समारोहों में हथियार ले जाने और उनका प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
निष्कर्ष: हर्ष फायरिंग को रोकने के लिए कदम उठाने की जरूरत
चरखी दादरी की यह घटना समाज को झकझोर देने वाली है। इस तरह की घटनाएं उन मासूम जिंदगीयों को खत्म कर देती हैं, जो सपनों से भरी होती हैं। हर्ष फायरिंग जैसे खतरनाक चलन पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है। समाज और प्रशासन को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।