“अक्षय तृतीया के अवसर पर चारधाम यात्रा का आरम्भ: केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए खुले”

"अक्षय तृतीया के अवसर पर चारधाम यात्रा का आरम्भ: केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए खुले"
Spread the love

अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर, उत्तराखंड के पवित्र धामों में श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए गए हैं। सुबह 7.10 बजे, केदारनाथ धाम के कपाट उन भक्तों के लिए खुल गए हैं जो इस पवित्र स्थल की यात्रा करने के लिए आए हैं। इसके बाद, सुबह 10.29 बजे यमुनोत्री धाम और 12.25 बजे गंगोत्री धाम के कपाट भी खोले जाएंगे.

इस शुभ अवसर पर चारधाम यात्रा का आगाज़ हुआ है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने केदारनाथ नगरी को आवास बनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस अवसर पर उपस्थिति दर्ज की, और उन्होंने सुबह 7 बजे केदारनाथ धाम का दर्शन किया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस धार्मिक उत्सव के दौरान निरीक्षण और दर्शन के लिए भी केदारनाथ धाम का दौरा किया.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के शुभारंभ पर भक्तजनों को एक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि 2024 में चारधाम यात्रा का हम सभी स्वागत करते हैं और इसे अभिनंदन के साथ स्वीकार करते हैं। धामी ने सभी भक्तजनों से यह अनुरोध किया है कि वे अपने यात्रा के दौरान स्वच्छता का खास ध्यान रखें और सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करें.

उन्होंने बताया कि सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए विशेष व्यवस्था की है, विशेष रूप से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए। उन्होंने बद्रीनाथ के कपाट खुलने के लिए श्रद्धालुओं को थोड़ा और इंतजार करने का आग्रह किया है। बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे खोले जाएंगे.

mamamama

केदारनाथ का महत्व

केदारनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भगवान शिव का पवित्र धाम है। हर साल यहां लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं। केदारनाथ की गणना भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग और पंच केदार में भी की जाती है। केदारनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है, जिसके कारण मंदिर का महत्व अधिक बढ़ जाता है.

बद्रीनाथ का महत्व

बद्रीनाथ चार धाम में से एक प्रमुख धाम माना जाता है। यह हिमालय की पर्वत श्रेणी में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। यह मुख्य रूप से भगवान विष्णु का मंदिर है, जहां पर नर और नारायण की उपासना की जाती है। इस मंदिर को तीन भागों में विभाजित किया गया है – गर्भगृह, दर्शनमण्डप, और सभामंडप। बद्रीनाथ मंदिर परिसर में 15 मूर्तियां हैं, जिनमें सबसे प्रमुख भगवान विष्णु की मूर्ति है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *