इटली में G7 शिखर सम्मेलन से ठीक पहले देश की संसद से एक हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें सांसदों के बीच लात-घूसे चलते नजर आ रहे हैं। यह घटना उस समय की है जब संसद में इटली के कुछ क्षेत्रों को स्वायत्तता देने से जुड़े एक बिल पर बहस चल रही थी। इस बहस ने जल्दी ही हिंसक रूप धारण कर लिया, जिससे संसद के भीतर जमकर मारपीट हुई।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बिल को लेकर संसद में समर्थन और विरोध करने वाले सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जो बाद में लात-घूसों तक पहुंच गई। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि विपक्षी पार्टी के सांसद लियोनार्डो डोनो, सरकार के मंत्री रॉबर्टो कैलडेरोली को इटली का झंडा देने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कैलडेरोली ने झंडा लेने से इनकार कर दिया और पीछे हट गए। इसके बाद अन्य सांसदों की भीड़ उमड़ पड़ी और दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे इटली की राजनीति में हलचल मच गई है। विदेश मंत्री एंटोनियो तेजानी ने इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा, “हमारे पास शब्द नहीं हैं। हमें एक अच्छा उदाहरण पेश करना चाहिए, ना कि राजनीतिक समस्याओं को सुलझाने के लिए हिंसा का सहारा लेना चाहिए।”
इस घटना ने इटली की संसद में अनुशासन और गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सांसदों के इस व्यवहार ने संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और जनता के बीच गलत संदेश गया है। इस घटना के बाद से इटली की राजनीति में गहमागहमी बढ़ गई है।
G7 शिखर सम्मेलन की तैयारी
इस बीच, इटली के अपुलिया में 50वें G7 शिखर सम्मेलन की तैयारी जोरों पर है। इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के प्रमुख इकट्ठा हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इस शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।
इस शिखर सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य संकट और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इटली इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, संसद में हुई इस घटना ने शिखर सम्मेलन की तैयारी पर एक काला साया डाल दिया है।
राजनीतिक अस्थिरता की झलक
संसद में हुई इस घटना से इटली की राजनीतिक अस्थिरता का एक और उदाहरण सामने आया है। स्वायत्तता बिल को लेकर संसद में जो हिंसा हुई, वह देश में राजनीतिक विभाजन और तनाव को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। यह बिल इटली के कुछ क्षेत्रों को अधिक स्वायत्तता देने के उद्देश्य से लाया गया था, लेकिन इसने सांसदों के बीच गहरे मतभेदों को उजागर कर दिया।
सांसदों की इस हिंसक झड़प ने इटली की राजनीति को एक नए संकट में धकेल दिया है। यह घटना न केवल इटली की संसद की छवि को धूमिल करती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भी एक नकारात्मक संदेश भेजती है। इटली के नेताओं को अब इस घटना से सबक लेकर अपनी राजनीतिक कार्यशैली में सुधार करने की आवश्यकता है।
जनता की प्रतिक्रिया
संसद में हुई इस मारपीट पर इटली की जनता ने भी नाराजगी जाहिर की है। सोशल मीडिया पर लोग सांसदों के इस व्यवहार की कड़ी निंदा कर रहे हैं। जनता का कहना है कि सांसदों को देश की समस्याओं का समाधान शांति और संवाद के माध्यम से करना चाहिए, ना कि हिंसा और मारपीट के जरिए।
इस घटना के बाद से इटली की सरकार और विपक्षी दलों के बीच तनाव और बढ़ गया है। इस विवाद का समाधान निकालना अब सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ बातचीत कर कोई समाधान निकालना होगा ताकि देश में शांति और स्थिरता बनी रहे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संसद में हुई इस हिंसा पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी नजर है। G7 शिखर सम्मेलन के दौरान इस घटना का जिक्र होना तय है। अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की है और इटली की सरकार से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर इटली की छवि को सुधारने के लिए सरकार को इस घटना से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों के नेता भी इस मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं और इटली को सुझाव दे सकते हैं कि वह अपने राजनीतिक विवादों को कैसे सुलझाए।
आगे की राह
इस घटना के बाद इटली की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है। स्वायत्तता बिल पर चर्चा के दौरान हुई हिंसा ने स्पष्ट कर दिया है कि इटली की राजनीति में अभी भी बहुत से मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाने की जरूरत है। सांसदों को इस घटना से सीख लेते हुए अपने व्यवहार में सुधार करना होगा और देश के विकास के लिए मिलकर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री और विपक्षी नेताओं को मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालना होगा ताकि संसद में इस तरह की घटनाएं भविष्य में ना हों। जनता की उम्मीदें भी अब नेताओं से बढ़ गई हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस घटना के बाद राजनीति में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
निष्कर्ष
इटली की संसद में हुई इस घटना ने देश की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। स्वायत्तता बिल को लेकर शुरू हुआ विवाद हिंसा में बदल गया, जिससे सांसदों की छवि को नुकसान पहुंचा है। इस घटना ने न केवल इटली की संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इटली की छवि को धूमिल किया है। अब देखना यह है कि इटली की सरकार और विपक्षी दल इस मुद्दे को कैसे सुलझाते हैं और देश की राजनीति में स्थिरता कैसे लाते हैं।