ईरान का डोनाल्ड ट्रंप को मारने की साजिश का खुलासा! भाड़े के शूटर को दी सुपारी, अमेरिकी चुनाव में हत्या की योजना

ईरान का डोनाल्ड ट्रंप को मारने की साजिश का खुलासा! भाड़े के शूटर को दी सुपारी, अमेरिकी चुनाव में हत्या की योजना
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डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने का आरोप ईरान पर लगा है। अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा मैनहट्टन की संघीय अदालत में दायर की गई एक आपराधिक शिकायत में खुलासा हुआ है कि ईरान की अर्धसैनिक क्रांतिकारी गार्ड ने एक भाड़े के शूटर को ट्रंप की हत्या की जिम्मेदारी सौंपी थी। यह साजिश अमेरिकी चुनावों के दौरान रची गई थी और इसका उद्देश्य ट्रंप को चुनाव प्रचार से दूर करना था।

ईरान के क्रांतिकारी गार्ड ने दी थी डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की जिम्मेदारी

मैनहट्टन की अदालत में दायर आपराधिक शिकायत के अनुसार, ईरान के क्रांतिकारी गार्ड के एक अधिकारी ने सितंबर में फरहाद शकेरी नामक व्यक्ति को डोनाल्ड ट्रंप की निगरानी करने और उन्हें मारने का निर्देश दिया था। फरहाद शकेरी, जो कि ईरान का सरकारी कर्मचारी था, को इस साजिश को अंजाम देने का आदेश दिया गया था। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, ईरान की सरकार द्वारा डोनाल्ड ट्रंप को निशाना बनाना संभवतः अमेरिका और ईरान के बीच लंबे समय से चल रहे राजनीतिक और सामरिक तनाव का परिणाम है।

भाड़े के शूटर की योजना: कैसे होनी थी डोनाल्ड ट्रंप की हत्या

शिकायत में यह बताया गया है कि शकेरी को अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया था। शकेरी को एक अफगानी नागरिक के रूप में पहचान दी गई है, जिसने अमेरिका में बसने के बाद कई वर्षों तक जेल में बिताए और फिर निर्वासित हो गया था। उसके बाद उसने हत्या और अन्य आपराधिक कार्यों के लिए भाड़े के हत्यारों का एक नेटवर्क बना लिया था, जिसे उसने ईरान के इशारों पर चलाया।

शकेरी ने बताया कि उसे डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के लिए बड़ी रकम की पेशकश की गई थी। उसे सात दिन के भीतर हत्या की योजना को अंजाम देने के निर्देश दिए गए थे। ईरानी अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर वह सात दिन में ऐसा नहीं कर सका, तो योजना को अमेरिकी चुनाव के बाद तक स्थगित कर दिया जाएगा, यह मानकर कि चुनाव में ट्रंप की हार हो जाएगी और उन्हें मारना आसान होगा।

फोन पर बातचीत में किया साजिश का खुलासा

अमेरिकी संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) द्वारा की गई फोन रिकॉर्डिंग में शकेरी ने अपनी साजिश के कुछ हिस्से का खुलासा किया। रिकॉर्डिंग में उसने बताया कि वह डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के पीछे ईरान में फंसे एक सहयोगी की सजा कम करवाना चाहता था। उसने कहा कि उसके पीछे एक प्रभावशाली नेटवर्क है जो कि ट्रंप और अन्य प्रमुख व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रख सकता है।

मसीह अलीनेजाद की हत्या की साजिश का भी हुआ खुलासा

डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के अलावा शकेरी पर ईरानी-अमेरिकी पत्रकार मसीह अलीनेजाद की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप है। मसीह अलीनेजाद, जो ईरान की सरकार के आलोचक माने जाते हैं, पर इससे पहले भी हमले की कई कोशिशें हो चुकी हैं। शकेरी ने अमेरिका में अपने एजेंटों को अलीनेजाद की हत्या का निर्देश दिया था। हालांकि, अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने इस साजिश को नाकाम कर दिया और मसीह अलीनेजाद की सुरक्षा सुनिश्चित की।

बर्लिन से फोन पर एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक बयान में अलीनेजाद ने कहा कि यह उनके खिलाफ तीसरा हत्या का प्रयास है और यह बेहद चौंकाने वाला है। उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए अमेरिकी अधिकारियों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वे अपने पहले संशोधन के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए अमेरिका आई हैं और वे अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करना जारी रखेंगी।

डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की योजना में कितनी सच्चाई? न्याय विभाग का बयान

न्याय विभाग द्वारा दायर शिकायत में कुछ जानकारी को संदिग्ध माना गया है। अधिकारियों के मुताबिक, शकेरी द्वारा दी गई कुछ जानकारी झूठी पाई गई, लेकिन ट्रंप की हत्या की साजिश और ईरान द्वारा दी गई बड़ी रकम के बारे में उसके बयान सच्चे प्रतीत होते हैं।

इससे यह स्पष्ट होता है कि ट्रंप के खिलाफ यह साजिश बहुत गंभीर और सोची-समझी योजना का हिस्सा थी। अमेरिकी सरकार ने भी ट्रंप की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है, ताकि भविष्य में किसी भी संभावित हमले को रोका जा सके।

चुनावी रैलियों में भी ट्रंप पर हो चुका है हमला

यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप को निशाना बनाने की कोशिश की गई है। इसी साल जुलाई में पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में उनकी चुनावी रैली के दौरान उन पर फायरिंग की गई थी। इस घटना में एक गोली ट्रंप के कान को छूते हुए निकल गई थी, हालांकि वे बाल-बाल बच गए थे। इसके करीब दो महीने बाद एक और हमला किया गया, जब ट्रंप फ्लोरिडा के पाम बीच काउंटी में एक गोल्फ क्लब में मौजूद थे। इस घटना के बाद भी ट्रंप की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं।

अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ता तनाव

ईरान और अमेरिका के बीच लंबे समय से चला आ रहा तनाव समय-समय पर अलग-अलग घटनाओं के जरिए उभरता रहा है। ईरान द्वारा ट्रंप की हत्या की योजना एक बार फिर इस तनाव को बढ़ाने का काम कर रही है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि ईरान, ट्रंप प्रशासन के खिलाफ पुरानी नीतियों और कठोर प्रतिबंधों का बदला लेना चाहता है। यह साजिश इस बात का संकेत देती है कि ईरान ट्रंप के नेतृत्व वाले अमेरिका को एक महत्वपूर्ण खतरे के रूप में देखता है।

सुरक्षा विशेषज्ञों का नजरिया और आगे की रणनीति

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना के बाद अमेरिकी सरकार को अपने प्रमुख नेताओं की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है। इस प्रकार के मामलों में, केवल राष्ट्रपति ही नहीं, बल्कि सभी प्रमुख अधिकारियों और उनके करीबी लोगों पर भी नजर रखनी होगी। इसके अलावा, ऐसी साजिशों को समय पर विफल करने के लिए एफबीआई और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को लगातार सतर्क रहने की जरूरत है।

आरोपियों का क्या होगा भविष्य?

शकेरी फिलहाल ईरान में फरार है, लेकिन इस साजिश में शामिल अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा है कि ट्रंप पर हमले की योजना के हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है। ईरान में बैठे शकेरी और उनके संपर्कों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना भविष्य में ईरान और अमेरिका के संबंधों पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। इस प्रकार की आपराधिक साजिशें न केवल राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ाती हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अनिश्चितता को जन्म देती हैं।

अमेरिकी जनता की प्रतिक्रिया

इस साजिश का खुलासा होने के बाद अमेरिकी जनता में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। ट्रंप के समर्थकों का मानना है कि यह अमेरिकी लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया पर हमला है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। वहीं, इस साजिश ने अमेरिकी नागरिकों में सुरक्षा को लेकर चिंता भी बढ़ा दी है।

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